मुंबई, 8 मार्च (आईएएनएस)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा है कि मेक इन इंडिया पहल की सफलता सुनिश्चित करने में निर्यात एक प्रमुख भूमिका अदा कर सकता है। जीडीपी में इसके योगदान को देखते हुए भारत में विनिर्माण आज की तुलना में कहीं ज्यादा हो सकता है।
ईसीजीसी डुन एंड ब्रैड स्ट्रीट निर्यात प्रदर्शन पुरस्कार समारोह में शनिवार रात उन्होंने कहा, “जब मैं भारत में विनिर्माण (मात्रा और मूल्य दोनों के लिहाज से) की बात करती हूं, तो उसमें मैं अपने निर्यातकों को शामिल करती हूं, जिन्होंने कठिन समय में भी अपना हौसला बनाए रखा है।”
सीतारमन ने ‘व्यवसाय करने की सुगमता’ के प्रति सरकार की वचनबद्धता को दोहराया और लोगों को भरोसा दिलाया कि निर्यात क्षेत्र के लिए भी ऐसे ही कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि काफी कुछ कहा जा रहा है, तो काफी कुछ सरकार के स्तर पर किया भी जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा शुरू किया गया ई-बिज पोर्टल विनिमार्ताओं एवं निर्यातकों के लिए एक बड़ा वरदान है। एक अन्य पोर्टल निर्यातकों के लिए जानकारी प्राप्त करने में मददगार होगा कि किस उत्पाद की कहां ज्यादा मांग है।
सीतारमन ने कहा कि पिछले दो दशकों के दौरान भारतीय निर्यातकों की रूपरेखा में काफी बदलाव आया है और अब उन्हें कम गुणवत्ता वाला नहीं आंका जाता।
उन्होंने कहा कि विदेशी बाजारों तक पहुंच इसलिए सीमित नहीं रही है कि भारतीय निर्यातकों की गुणवत्ता या उत्पाद विविधीकरण में कोई कमी है, बल्कि ऐसा उन देशों की सुरक्षावादी नीतियों के कारण है, जो भारतीय निर्यातकों से दूरी बनाए रखते हैं और अपने निर्यातकों तथा उद्योगों को बढ़ावा देना चाहते हैं।
सीतारमन ने समग्र निर्यात प्रदर्शन, नवाचार, जोखिम प्रबंधन प्रचलनों, सेज निर्यातों, महिला उद्यमियों जैसे विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी 33 कंपनियों को ईसीजीसी डुन एंड ब्रैड स्ट्रीट भारतीय निर्यातक उत्कृष्टता पुरस्कार-2015 प्रदान किए।
बैंक ऑफ बड़ौदा के एमडी एवं सीईओ रंजन धवन, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में संयुक्त सचिव अरविंद मेहता, ईसीजीसी की सीएमडी गीता मुरलीधर, वित्तीय संस्थानों, निर्यात घरानों, उद्योग निकायों एवं कंपनियों के प्रमुख अधिकारियों ने समारोह में भाग लिया।