चेन्नई, 6 सितंबर (आईएएनएस)। कार निर्माता निसान मोटर इंडिया प्रा.लि. ने अपनी भारतीय रणनीति में अपनी कमजोरियों की पहचान की है और भारतीय बाजार में मजबूती से पैर जमाने के लिए उत्पादों, लोगों, उत्पादन और प्रौद्योगिकी में आमूलचूल बदलाव की समग्र योजना बनाई है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
मध्यपूर्व और भारत के निसान अफ्रीका के अध्यक्ष तथा निसान के उपाध्यक्ष पेमन कारगर ने गुरुवार को चुनिंदा मीडियाकर्मियों से कहा, “हमारी कुछ कमजोरियां हैं। हम इसे पहचानते हैं। हालांकि 2010 में निसान ने अपना भारतीय परिचालन शुरू किया था, फिर भी पूरी तरह से परिचालन साल 2014 में ही शुरू हो पाया था।”
कारगर ने कहा कि केरल में खुलने वाले डिजिटल हब में निसान खुद के 500 तकनीशियनों की भर्ती करेगा।
उन्होंने कहा कि निसान डिजिटल हब दुनिया भर में और भारत में निसान के उत्पादों में गतिशीलता बढ़ाने के लिए नवाचारों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि रेनॉल्ट निसान टेक्नोलॉजी एंड बिजनेस सेंटर (आरएनटीबीसी) द्वारा और 1,000 लोगों की भर्ती की जाएगी।
कारगर ने कहा, “ये भर्तियां 2019 के मार्च तक कर ली जाएंगी।”
कारगर ने कहा, “भारत में आनेवाले सालों में हमारे कारोबार में बढ़ोतरी होगी और हमारे कार्यबल में उच्च कौशल रखनेवाले कर्मी होंगे जो भारत के वाहन उद्योग में तकनीकी बदलाव का अगुवा होंगे।”
उत्पादों के बारे में उन्होंने कहा कि कंपनी अपने ब्रांड – निसान और दत्सुन दोनों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
करगर ने कहा कि निसान अपनी स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (एसयूवी) निसान किक्स लांच करेगी और डैटसन ब्रांड के तहत नए उत्पादों को लांच किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “हमारी रणनीति देशभर में हमारे ग्राहकों के लिए दोनों ब्रांडों को मजबूत करने की है। निसान ब्रांड हमारे भारतीय ग्राहकों को दुनियाभर के बेहतरीन निसान उत्पाद उपलब्ध कराएगा। दत्सुन के लिए हमारा उद्देश्य उस खंड में आकर्षक उत्पादों की पेशकश करना जो मूल्य, कनेक्टिविटी और जापानी इंजीनियरिंग से लैस हो।”
उन्होंने कहा कि निसान मोटर भारत में अपने इलेक्ट्रिक वाहन मॉडल लीफ का निर्माण शुरू करेगी और सबसे पहले बेंगलुरू में पहला मॉडल लांच किया जाएगा और उसकी बिक्री के हिसाब से ही उत्पादन और विपणन में बढ़ोतरी की जाएगी।