काठमांडू, 19 फरवरी (आईएएनएस)। नेपाल की सरकार ने देश में जारी बिजली संकट को अगले दो सालों में हल करने के लिए ऊर्जा आपातकाल की घोषणा की है।
पिछले 8 सालों में यह तीसरी बार है जब सरकार ने ऊर्जा आपातकाल घोषित किया है। पिछली बार आपातकाल से निराशा ही हाथ लगी थी। नेपाल में वर्तमान में 13 घंटे प्रतिदिन बिजली कटौती की जा रही है।
कैबिनेट ने गुरुवार को द नेशनल एनर्जी क्राइसिस रिडक्सन एंड इलेक्ट्रिसिटी डेवलपमेंट प्लान को मंजूरी दे दी। इसके तहत अगले दो सालों में 1,850 मेगावॉट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
सरकार को उम्मीद है कि वह बिजली कटौती की समस्या के इन दो सालों में पूरी तरह दूर कर देगी। देश में चल रही जल विद्युत परियोजनाओं से व्यस्त घंटों में 780 मेगावाट का उत्पादन होता है और सूखे के मौसम में यह गिरकर 300 मेगावॉट हो जाता है जबकि पीक आवर में 1,550 मेगावॉट बिजली की जरूरत है। नेपाल भारत से 280 मेगावॉट बिजली खरीदता है।
नेपाल की ऊर्जा आवश्यकता में भारत से खरीदी गई बिजली की अहम भूमिका है।
ऊर्जा आपातकाल योजना के मुताबिक नेपाल ने अपने दक्षिणी पड़ोसी से पहले साल में 580 मेगावॉट बिजली आयात करने का लक्ष्य रखा है। जबकि दूसरे साल में आयात को कम कर 92 मेगावॉट कर दिया जाएगा, क्योंकि घरेलू उत्पादन में बढ़ोतरी हो जाएगी।
योजना के मुताबिक सौर ऊर्जा और वायु ऊर्जा से 200 मेगावाट का उत्पादन किया जाएगा और जलविद्युत परियोजनाओं से 930 मेगावॉट का लक्ष्य रखा गया है।
ऊर्जा मंत्री टॉप बहादुर रायामाझी ने गुरुवार को कहा, “सामान्य जनजीवन और अर्थव्यवस्था पर बिजली संकट के गहरे असर को देखते हुए ऊर्जा आपातकाल की घोषणा की गई है।”