काठमांडू, 16 नवंबर (आईएएनएस)। नेपाल के नए संविधान के खिलाफ मधेशी आंदोलन की वजह से भारतीय सीमा पर जारी नाकेबंदी के कारण नेपाल में अन्य वस्तुओं की तरह दवाओं की जबरदस्त किल्लत हो गई है।
सितंबर की 20 तारीख को नया संविधान लागू होने के बाद से ही नेपाल-भारत सीमा पर तनाव बना हुआ है। वाहनों की आवाजाही ठप है। इस वजह से नेपाल में जरूरी चीजों की बड़े पैमाने पर कमी पैदा हो गई है। ऐसे में नेपाल अपने पड़ोसी भारत के अलावा अन्य विकल्पों से समान मंगाने की कोशिशें कर रहा है।
यहां व्यापारियों का कहना है कि नेपाल-भारत सीमा पर 400 वाहन ऐसे फंसे हुए हैं, जिनमें दवाएं हैं।
काठमांडू में अधिकारियों ने कहा कि अगर दो हफ्ते के अंदर हालात नहीं सुधरे तो हजारों मरीजों के लिए खतरनाक स्थिति पैदा हो जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि जरूरी दवाओं को देश में हवाई सेवा के द्वारा मंगाया जा सकता है।
स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय के औषधि विभाग के प्रमुख राज लोहानी ने कहा कि मंत्रालय थाईलैंड समेत कुछ अन्य देशों से जरूरी दवाएं मंगाने पर काम कर रहा है।
कई जिला अस्पतालों ने रपट दी है कि उनके यहां दवाएं खत्म हो रही हैं, क्योंकि स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से दो महीने से दवाएं मिली ही नहीं हैं। शल्य चिकित्सा में काम आने वाले उपकरणों का भी बुरा हाल है।
काठमांडू में सघन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में भर्ती मरीजों के लिए भी जरूरी दवाओं की कम आपूर्ति हो पा रही है। एक्स-रे फिल्म नहीं होने की वजह से एक्स-रे नहीं हो पा रहा है।
काठमांडू के बाहर के अस्पतालों का हाल तो यह है कि सामान्य बुखार और जुकाम तक के लिए दवा मुश्किल से मिल पा रही है।
काठमांडू के शहीद गंगालाल नेशनल हार्ट सेंटर में हार्ट सर्जरी की संख्या घटकर आधी से भी कम हो गई है। अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि जिन मरीजों की सर्जरी तत्काल जरूरी नहीं है, उनसे इलाज की प्रक्रिया में बदलाव करने के लिए कहा जा रहा है।