नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। सरकार के नोटबंदी के फैसले को चुनौती देते हुए विभिन्न अदालतों में याचिका दायर करने वालों को सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को नोटिस जारी किए।
केंद्र ने विभिन्न उच्च न्यायालयों या निचली अदालतों में इससे संबंधित दायर याचिकाओं को सर्वोच्च न्यायालय या किसी एक उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की अपील की है। इसी के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने ये नोटिस जारी किए हैं।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस.ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में चल रही कार्यवाहियों पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई दो दिसंबर को निर्धारित की है।
सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि नोटबंदी के बाद अब तक छह लाख करोड़ रुपये एकत्र किए जा चुके हैं और यह आंकड़ा 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद की जा रही है।
पीठ द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए महान्यायवादीमुकुल रोहतगी ने कहा कि बैंक नोटों से समृद्ध हो गए हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था इससे फिर से संभल जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे ब्याज दर कम होगी।
उन्होंने पीठ से कहा कि नकद लेनदेन पूरी दुनिया में चार प्रतिशत है जबकि भारत में यह 12 प्रतिशत है।
केंद्र सरकार सभी मामलों को एक जगह स्थानांतरित कराने के लिए सर्वोच्च न्यायालय पहुंची है। उसका कहना है कि विभिन्न अदालतों में मामले होने की वजह से उसे मुश्किल हो रही है।
रोहतगी ने कहा कि 10 मामले स्थानांतरित करने के लिए यह याचिका है। उन्होंने अदालत को बताया कि अलग-अलग तरह की राहत पाने के लिए सभी तरह के मामले दायर किए गए हैं।
जिन मामलों को स्थानांतरित कराने की मांग की गई है वे दिल्ली, मुंबई, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश और राजस्थान उच्च न्यायालयों में दायर हैं।