Sunday , 5 May 2024

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न्यायमूर्ति दवे न्यायिक नियुक्ति संबंधी सुनवाई से अलग हुए (लीड-1)

नई दिल्ली, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियिम (एनजेएसी) और इससे संबंधित संविधान संशोधन की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई बुधवार को स्थगित कर दी।

न्यायालय का यह कदम पांच न्यायाधीशों की पीठ से न्यायमूर्ति अनिल आर.दवे का खुद को संविधान पीठ से अलग करने के बाद सामने आया है, क्योंकि याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट-ऑन-रिकार्ड एसोसिएशन (एससीएओआरए) ने उनपर आपत्ति जताई थी।

एससीएओआरए की तरफ से न्यायालय में पेश हुए वरिष्ठ वकील फली नरीमन ने यह घोषणा करने की मांग की कि न्यायमूर्ति दवे एनजेएसी की सुनवाई में हिस्सा नहीं लेंगे। इसके बाद न्यायमूर्ति दवे ने खुद को मामले से अलग कर लिया।

न्यायालय को भेजी गई टिप्पणी में एससीएओआरए ने कहा कि संविधान (99वां संशोधन) अधिनियम 2014 और राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम, 2014 को अधिसूचित किए जाने के बाद “न्यायमूर्ति दवे (इच्छा से नहीं बल्कि कानूनन) राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग के पदेन सदस्य बन गए हैं, जिसकी संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है।”

संवैधानिक पीठ में न्यायमूर्ति दवे के अलावा, न्यायमूर्ति जे.चेलामेश्वर, न्यायमूर्ति मदन बी.लोकुर, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ तथा न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल हैं।

नरीमन ने संवैधानिक पीठ से कहा कि वह चाहते हैं कि न्यायमूर्ति दवे राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियिम (एनजेएसी) और इससे संबंधित संविधान संशोधन की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करें, लेकिन तब तक उन्हें खुद को एनजेएसी से अलग रखना चाहिए।

नरीमन ने न्यायालय से कहा, “एनजेएसी को अधिसूचित कर दिया गया है। न्यायमूर्ति दवे एनजेएसी के पूर्व पदेन सदस्य हैं। यह परस्पर विरोधी कर्तव्यों के बीच एक संघर्ष हैं। मैं यह नहीं चाहता कि वे चुनौती की सुनवाई नहीं करें, लेकिन इस दौरान उन्हें एनजेएसी का हिस्सा नहीं बने रहना चाहिए।”

सरकार द्वारा एनजेएसी अधिनियम को अधिसूचित करने की आलोचना करते हुए नरीमन ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई से पहले इसे अधिसूचित कर सरकार चालाकी से आगे निकल गई।

उन्होंने कहा, “यह पूरी तरह अनुचित है, हालांकि अवैध नहीं है। देश को कैसा लग रहा है? वे (न्यायमूर्ति दवे) मजबूरी के कारण एनजेएसी से बाहर हैं। एनजेएसी में हिस्सा नहीं लीजिए। वह जो चाहते हैं, करने दीजिए।”

दवे को मामले की सुनवाई जारी रखने का आग्रह करते हुए महा न्यायावादी ने अदालत से कहा कि कई मौके आए हैं, जब न्यायाधीशों द्वारा लिए गए फैसले को न्यायिक पक्ष से उनके समक्ष चुनौती दी गई है।

एससीएओआरए ने कहा कि यह उचित होगा अगर यह घोषित किया जाए कि इस पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायाधीश राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग की सुनवाइयों में हिस्सा नहीं लेंगे।

न्यायमूर्ति दवे संविधान पीठ के वरिष्ठ न्यायाधीश होने के नाते इसकी अध्यक्षता कर रहे थे। एससीएओआरए की तरफ से स्पष्टीकरण की मांग किए जाने पर उन्होंने मामले से खुद को अलग कर लिया।

न्यायमूर्ति दवे न्यायिक नियुक्ति संबंधी सुनवाई से अलग हुए (लीड-1) Reviewed by on . नई दिल्ली, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियिम (एनजेएसी) और इससे संबंधित संविधान संशोधन की संवैध नई दिल्ली, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियिम (एनजेएसी) और इससे संबंधित संविधान संशोधन की संवैध Rating:
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