चंडीगढ़, 17 मार्च (आईएएनएस)। चंडीगढ़ की एक स्थानीय अदालत ने बब्बर खालसा अंतर्राष्ट्रीय (बीकेआई) के आतंकी जगतार सिंह तारा को उम्रकैद की सजा सुनाई। उसे एक दिन पहले ही 1995 में पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या में शामिल होने के लिए दोषी ठहराया गया था।
बेअंत सिंह और 17 अन्य को ‘मानव बम’ दिलावर सिंह ने खुद को उड़ा कर मौत के घाट उतार दिया था। घटना 31 अगस्त 1995 को भारी भरकम सुरक्षा वाले पंजाब सचिवालय परिसर की है।
बुरैल जेल में उच्च सुरक्षा के बीच आयोजित की गई विशेष अदालत ने यह सजा सुनाई।
बीकेआई के तीन आतंकी तारा, जगतार सिंह हवारा, परमजीत सिंह भौरा और सहयोगी देवी सिंह उच्च सुरक्षा वाली बुरैल जेल में 104 फीट लंबी सुरंग बनाकर 21-22 जनवरी 2004 में यहां से भाग निकले थे।
हवारा और भौरा को सुरक्षा एजेंसियों ने दोबारा गिरफ्तार कर लिया था लेकिन तारा उनकी पहुंच से बाहर था। जेल तोड़कर भागने के 11 साल बाद उसे जनवरी 2015 में थाईलैंड से दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया।