नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने यौन उत्पीड़न के एक मामले में आरोपी पर्यारणविद् आर.के. पचौरी को टेरी के मुख्यालय व अन्य कार्यालयों में जाने की शनिवार को इजाजत दे दी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राज कुमार त्रिपाठी ने पचौरी की द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) के दिल्ली मुख्यालय सहित सभी कार्यालय में जाने के लिए मंजूरी की मांग करने वाली याचिका को मंजूरी दे दी।
पचौरी के वकील आशीष दीक्षित ने 17 जुलाई को कहा था कि अदालत ने उनके मुवक्किल को टेरी के अन्य कार्यालयों में जाने की इजाजत तो दी है, लेकिन दक्षिण दिल्ली के लोधी रोड व गुड़गांव स्थित संगठन के मुख्यालय में जाने पर रोक लगा दी है, जहां शिकायतकर्ता कार्यरत थी।
उल्लेखनीय है कि नवंबर महीने की शुरुआत में शिकायतकर्ता ने यह कहते हुए टेरी की नौकरी छोड़ दी थी कि वहां उसके साथ बुरा बर्ताव किया जा रहा है। टेरी ने हालांकि आरोपों का खंडन किया था।
अदालत के फैसले पर असंतुष्टि जताते हुए पीड़िता के वकील प्रशांत मेंदीरत्ता ने कहा कि वह आदेश को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।
यौन उत्पीड़न का आरोप लगने के बाद पचौरी को फरवरी महीने में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के अंतरसरकारी पैनल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था, उस वक्त वे टेरी के महानिदेशक पद पर भी कार्यरत थे। उन्होंने आरोपों के मद्देनजर, संस्थान से छुट्टी ले ली थी।
बाद में जुलाई में पचौरी को इस पद से हटा दिया गया और उनकी जगह अजय माथुर को नया महानिदेशक नियुक्त कर दिया गया।
पचौरी को 21 मार्च को अंतरिम जमानत मिली थी और उन्हें अदालत की मंजूरी के बिना देश न छोड़ने का निर्देश दिया गया था।