लखनऊ, 22 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में जिंदा जलाए गए पत्रकार जगेंद्र सिंह के पिता और पुत्र ने सोमवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें पूरा न्याय दिलाने का भरोसा दिया और जगेंद्र के बेटे को सरकारी नौकरी देने, मुआवजे के रूप में 30 लाख रुपये देने की घोषणा की। जगेंद्र ने मौत से पहले मजिस्ट्रेट को दिए बयान में राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा को जिम्मेदार ठहराया था।
मुख्यमंत्री ने जगेंद्र के परिवार की कब्जाई गई जमीन वापस कराने का भी आश्वासन दिया।
अखिलेश से मिलने के बाद जगेंद्र के पिता ने धरना खत्म करने का ऐलान करते हुए पत्रकारों को बताया कि उन्हें मुख्यमंत्री और पुलिस पर पूरा भरोसा है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि अगर मंत्री राममूर्ति वर्मा दोषी हैं तो उन्हें सीधे जेल भेजा जाएगा। मामले की जांच बरेली के डीआईजी को सौंपी गई है।
उल्लेखनीय है कि शाहजहांपुर में एक जून को दोपहर करीब तीन बजे पत्रकार जगेंद्र सिंह के घर कोतवाली के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक श्रीप्रकाश राय, दो दारोगा और चार सिपाहियों ने दबिश दी थी। बंद कमरे में क्या हुआ, कोई जान न पाया, लेकिन पुलिस बल के जाते ही जगेंद्र गंभीर रूप से झुलसे हुए पाए गए।
जगेंद्र के शरीर का 65 फीसद हिस्सा झुलस गया था। परिवार के लोग उन्हें तुरंत जिला अस्पताल ले गए, जहां दंडाधिकारी के समक्ष बयान में जगेंद्र ने कहा था, “राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा के इशारे पर इंस्पेक्टर श्रीप्रकाश राय ने उन पर पेट्रोल छिड़ककर जिंदा फूंकने का प्रयास किया।” लखनऊ के सिविल अस्पताल में भर्ती जगेंद्र की कुछ घंटों बाद मौत हो गई थी।
पत्रकार जगेंद्र का पूरा परिवार लगभग 10 दिनों से धरने पर बैठा था। पीड़ित परिवार के सदस्यों का आरोप है कि राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा के गुर्गे और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता मिथिलेश कुमार उन पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बना रहे हैं।
जगेंद्र का पूरा परिवार लगभग 10 दिनों से धरने पर बैठा था। इस बीच मुख्यमंत्री ने जगेंद्र के परिवार को मिलने के लिए बुलाया था। हालांकि अभी तक मंत्री राममूर्ति वर्मा पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार को इस मामले पर नोटिस भेजा है।