दिल्ली जहां नई सरकार के स्वागत के लिए तैयार है, वहीं पर्यावरणविद आर.के.पचौरी को इस बात की उम्मीद है कि नई सरकार पर्यावरण को शीर्ष प्राथमिकता देगी।
पचौरी ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में कहा, “जो भी पार्टी सत्ता में आती है, उसे पर्यावरण को शीर्ष प्राथमिकता देनी चाहिए, क्योंकि इससे यहां रह रहे लाखों लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है।”
विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2014 की रिपोर्ट में दिल्ली को विश्व का सबसे प्रदूषित शहर बताया गया है।
उन्होंने कहा, “दिल्ली को अपारंपरिक दृष्टिकोण और नेतृत्व वाली सरकार की जरूरत है।”
पचौरी ने कहा, “जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उन्होंने द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्युट (टेरी) को उनके वरिष्ठ कर्मचारियों को जलवायु परिवर्तन पर प्रशिक्षण देने को कहा था।”
उन्होंने कहा, “उनके पास दृष्टिकोण था और इसलिए इस मुद्दे पर समझ और प्रतिबद्धता थी। मैं ऐसी ही दिल्ली में देखना चाहूंगा।”
राष्ट्रीय राजधानी में हाल के समय में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है, लेकिन यह मुद्दा विधानसभा चुनाव के प्रचार में काफी कम उठाया गया।
अमेरिकी दूतावास की तरफ से सात फरवरी को जारी किए गए आंकड़े के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद अस्वस्थकर स्तर पर पहुंच गया है और यह स्तर विशेष रूप से हृदय और फेंफड़े से संबंधित रोगों के लिए जिम्मेदार हो सकता है और हृदयरोगियों और बुजुर्गो की इससे जल्द मौत हो सकती है।
दूतावास की वेबसाइट के अनुसार, आम जनसंख्या में श्वसन संबंधी प्रभाव में विशेष वृद्धि देखी जा सकती है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे पर पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने पीएम2.5 का स्तर 76 से 84 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया था।
पचौरी ने कहा, “दिल्ली की नई सरकार को दो या तीन साल के भीतर शहर की वायु की गुणवत्ता में सुधार के उपाय की रूपरेखा तैयार करनी चाहिए। तब यह सरकार के उस कदम के लिए आवश्यक होगा, जो वह जनता के हितों में उठाना चाहती है।”
हालांकि, भाजपा, आप और कांग्रेस ने सात फरवरी को हुए चुनाव से पहले के अभियानों में पर्यावरण को लेकर काफी कम वादे किए हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) ने 70 सूत्री कार्य योजना में दिल्ली रिज में जंगलों की कटाई पर रोक लगाने सीएनजी जैसे कम विकिरण वाले ईंधन को बढ़ावा देने जैसी विभिन्न बातों को शामिल किया है।
भाजपा ने स्वच्छ ऊर्जा पर ध्यान देने की बात कही, जबिक कांग्रेस ने दिल्ली के 25 फीसदी हिस्से को हराभरा बनाने और हरित इमारत बनाने का वादा किया है।