इस्लामाबाद, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। संकटग्रस्त यमन को लेकर पाकिस्तान की संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में तीसरे दिन भी बहस जारी है। संसद सदस्य अभी तय नहीं कर पाए हैं कि यमन मामले में हौती विद्रोहियों के खिलाफ पाकिस्तान सऊदी अरब की अगुवाई वाले गठबंधन में शामिल हो या नहीं।
डॉन ऑनलाइन की रपट के अनुसार, सऊदी अरब ने अपने नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन का साथ देने का पाकिस्तान से आग्रह किया है। सऊदी अरब के नेतृत्व में यह सैन्य बल यमन में हौती विद्रोहियों के खिलाफ पिछले महीने से ही हवाई हमले कर रहा है।
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावाद जारिफ भी मंगलवार को दो दिन के दौरे पर इस्लामाबाद पहुंचने वाले हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा, “ईरान को भी इस चर्चा में हिस्सा लेना चाहिए और इसका मूल्यांकन करना चाहिए कि इस मुद्दे पर उनकी रणनीति सही है या नहीं।”
शरीफ कई बार दोहरा चुके हैं कि वह सऊदी अरब की ‘भूभागीय अखंडता’ के खिलाफ किसी भी तरह के खतरे से उसकी रक्षा करेंगे, हालांकि उन्होंने न तो खतरे को स्पष्ट किया और न ही यह बताया कि वह किस तरह की कार्रवाई करेंगे।