नई दिल्ली, 3 नवंबर (आईएएनएस)। भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान द्वारा बदले की कार्रवाई करते हुए इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में नियुक्त आठ भारतीय अधिकारियों पर ‘पाकिस्तान विरोध गतिविधियों’ में संलिप्तता का आरोप लगाने के लिए आलोचना की है और कहा है कि भारतीय अधिकारियों को ‘गलत तरीके से फंसाया गया।’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, “इसे मैं दुर्भाग्यपूर्ण घटना कहूंगा। पाकिस्तान ने इन अधिकारियों के खिलाफ अवास्तविक आधार पर बदले की भावना से यह कार्रवाई की है, और हमें उम्मीद है कि भविष्य में ऐसा दोबारा नहीं होगा।”
विकास स्वरूप ने कहा कि आरोप ‘झूठे’ हैं और भारतीय उच्चायोग के क्रियाकलाप को प्रभावित करने वाले हैं।
उन्होंने कहा, “हमने भारत विरोधी गतिविधियों के लिए सिर्फ एक व्यक्ति को बर्खास्त किया। इसके बाद पाकिस्तान ने खुद अपने छह अधिकारियों को वापस बुलाने का फैसला किया। और उसके बाद उन्होंने हमारे आठ राजनयिकों और अधिकारियों से जुड़ी जानकारियां सार्वजनिक कर दीं और उनकी सुरक्षा को खतरे में डाल दिया।”
जब स्वरूप से पूछा गया कि क्या उन आठ अधिकारियों को भारत वापस बुलाया जाएगा, तो उन्होंने कहा कि भारत सरकार ‘उन अधिकारियों की सुरक्षा’ को ध्यान में रखकर जल्द ही कोई फैसला लेगी।
उन्होंने कहा, “उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार जल्द ही कोई फैसला लेगी। इसमें पूरी प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है और जल्द ही कोई फैसला लिया जाएगा।”
स्वरूप ने कहा कि इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में नियुक्त हमारे अधिकारी भारत और पाकिस्तान के बीच शांति बनाए रखने के लिए काम कर रहे हैं।