इस्लामाबाद, 13 फरवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान बीते साल जुलाई से लेकर अब तक लगभग छह लाख अफगानिस्तानियों को वापस उनके देश भेज चुका है, ‘जो दुनिया में शरणार्थियों का सबसे बड़ा अवैध निर्वासन है।’ न्यूयॉर्क की मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
जियो न्यूज की सोमवार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एचआरडब्ल्यू ने अपनी रिपोर्ट ‘पाकिस्तान कोअर्सन, यूएन कंप्लीसिटी : द मास फोस्र्ड रिटर्न ऑफ अफगान रिफ्यूजी’ में कहा कि अफगानिस्तान के 100 से अधिक शरणार्थियों ने अपनी व्यथा में बताया है कि किस तरह उन लोगों को उनके संघर्ष प्रभावित देश में दोबारा भेजा गया।
संस्था की 76 पन्नों की रिपोर्ट में अफगान शरणार्थियों ने पाकिस्तानी पुलिस द्वारा उन पर किए गए जुल्मोसितम, जबरन उगाही, हिरासत में रखने के बारे में बयान किया है।
उन्होंने कहा, “अन्य घटनाओं में उनके बच्चों को या तो शैक्षणिक संस्थानों से निकाल दिया गया या फिर अधिकारियों ने शरणार्थी शिविरों में चल रहे स्कूलों को बंद कर दिया।”
रिपोर्ट के लेखक तथा एचआरडब्ल्यू में वरिष्ठ शोधकर्ता गेरी सिंपसन ने कहा, “दशकों तक अफगानिस्तानियों को शरण देने के बाद पाकिस्तान ने 2016 के मध्य में शरणार्थी विरोधी रुख अख्तियार करते हुए दुनिया के सबसे बड़े निर्वासन को अंजाम दिया।”
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) द्वारा पेशावर में दिसंबर 2014 में आर्मी पब्लिक स्कूल पर हमले के बाद पाकिस्तान ने अफगानी शरणार्थियों का दमन शुरू कर दिया था।
जियो न्यूज ने कहा, “पाकिस्तान में अधिकारी अफगानिस्तानियों को सुरक्षा के लिए खतरा समझते हैं। देश की 20 सूत्री राष्ट्रीय कार्ययोजना अफगानी शरणार्थियों से निपटने के लिए एक व्यापक नीति का आह्वान करती है, जिसे 2014 में लाया गया था।”