इस्लामाबाद, 21 नवंबर (आईएएनएस)। भारत से 2,500 सिख तीर्थयात्रियों का जत्था गुरुनानाक देव की 547वीं जयंती के मौके पर आयोजित धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने के लिए लाहौर पहुंच चुका है।
पाकिस्तान के अखबार डॉन के अनुसार, “पंजा साहिब मंदिर के दर्शन के लिए सभी तीर्थयात्रियों को कड़ी सुरक्षा के बीच लाहौर से अटक जिले के हसल अब्दल शहर में लाया गया।”
इन तीर्थयात्रियों के समूह के सदस्य रुमीत सिंह ने वाघा रेलवे स्टेशन पर बताया, “हम पाकिस्तान और पंजाब का समान रूप से सम्मान करते हैं यहां हमारे गुरुओं की मिट्टी है। हमारे सबसे बड़े धार्मिक गुरु नानक देव जी ने विश्व को शांति और प्रेम का संदेश दिया था।”
सभी तीर्थयात्रियों ने पाकिस्तानी सरकार को इन 10 दिनों की व्यवस्थाओं के लिए धन्यवाद दिया।
तीर्थयात्रियों को वाघा रेलवे स्टेशन लेने पहुंचे इवैकुई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के अध्यक्ष सिद्धिकुल फारूक ने कहा ” यह पाकिस्तानी सरकार के व्यवस्थाओं के प्रति तीर्थयात्रियों की संतुष्टि को दर्शाता है”
रुमीत सिंह ने सिखों के आगमन को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय और पाकिस्तानी उच्चायुक्त का आभार प्रकट किया।
उन्होंने कहा कि “गुरुवार को नई दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायोग ने 3,000 तीर्थयात्रियों को वीजा जारी किया जिनमें से 2,500 तीर्थयात्री पाकिस्तान पहुंच चुके हैं।
ये तीर्थयात्री हसन अब्दल शहर में 22 नवंबर तक रुकेंगे, और उसी दिन ननकाना साहिब के लिए रवाना होंगे।
24 नवंबर को यह फारूकाबाद (सच्चा सौदा) के लिए आगे बढ़ेंगे, उसके बाद 25 नवंबर को नानक साहिब के लिए वापस लौट जाएंगे।
26, 27 नवंबर को इन्हें लाहौर स्थित डेरा नवाब साहिब मंदिर में रुकना है, 28 नवंबर को सभी तीर्थयात्री दरबार साहिब मंदिर के दर्शन करेंगे और उसके बाद 29 नवंबर को वापस भारत लौट आएंगे।