इस्लामाबाद, 29 अगस्त (आईएएनएस)। पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने सैन्य अदालतों द्वारा दी गई मौत की सजा पर रोक लगाने संबंधी 17 अपीलों को सोमवार को खारिज कर दिया। इनमें से कुछ वर्ष 2014 में पेशावर आर्मी स्कूल पर हुए हमले के दोषियों से भी संबंधित हैं।
जियो न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मौत की सजा पाए 32 दोषी जेल तोड़ने, फिरौती के लिए अपहरण, सुरक्षाबलों पर हमले व अन्य आतंकवादी गतिविधियों में भी शामिल रहे हैं।
सर्वोच्च न्यायालय ने 182 पन्नों में दिए गए फैसले में कहा कि सैन्य अदालतें सेना अधिनियम के तहत स्थापित की गई हैं। आरोपियों को खुद का बचाव करने का अधिकार दिया गया और सैन्य अदालत के फैसलों में कोई अनियमितता नहीं पाई गई। यह अपर्याप्त सबूत का मामला नहीं है।
मशहूर वकील आसमा जहांगीर ने सैन्य अदालत के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि निष्पक्ष सुनवाई के उनके अधिकार से उन्हें वंचित रखा गया। उन्होंने कहा कि उच्च अदालतों द्वारा घोषित फैसलों की प्रतियां नहीं मुहैया कराई गईं।