नई दिल्ली, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। जानेमाने गायक सुरेश वाडकर की पत्नी पद्मा वाडकर का कहना है कि पाश्र्वगायन में दिलचस्पी रखने वालों का संगीत सीखना जरूरी नहीं होता।
नई दिल्ली, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। जानेमाने गायक सुरेश वाडकर की पत्नी पद्मा वाडकर का कहना है कि पाश्र्वगायन में दिलचस्पी रखने वालों का संगीत सीखना जरूरी नहीं होता।
पद्मा ने आठ साल की उम्र में संगीत सीखना शुरू कर दिया थ्ज्ञा और वह किशोरावस्था से संगीत सिखा रही हैं। वह अजीवसन अकादमी की उप प्राचार्या और संगीत शिक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं।
प्रशिक्षित शास्त्रीय गायिका पद्मा ने आईएएनएस को बताया, “बहुत से शीर्ष गायक कहते हैं कि उन्होंने संगीत नहीं सीखा। इसलिए आपका दूसरों को यह कहना ठीक नहीं है कि संगीत सीखना जरूरी है। मैं आज के पाश्र्वगायन के लिए संगीत सीखने को जरूरी नहीं कहूंगी।”
नवोदित कलाकारों को संगीत सिखाने के अलावा वह उनके लिए बहुत कुछ करना चाहती हैं।
उन्होंने कहाा, “हमारे देश में पाश्र्वगायन को बेहतरीन मंच माना जाता है। मैं कोई दूसरा मंच बनाना पसंद करूंगी। इसमें समय लगेगा, लेकिन मेरा मानना है कि फिल्मों में गाने को ही गायन का मंच नहीं माना जाना चाहिए।”
“पश्चिम की तरह हमारे देश में भी गायन को शीर्ष स्थितियों में माना जाना चाहिए। हमारे देश में ऐसा होना अभी बाकी है।”
जल्द ही 43 साल की होने जा रहीं पद्मा को श्रेया घोषाल और सुनिधि चौहान जैसी गायिकाओं की तारीफ करने में कोई गुरेज नहीं।
उन्होंने कहा, “यह मत समझिए मैं पाश्र्वगायिका बनना चाहती हूं। मैं श्रेया और सुनिधि की ओर देखूंगी, वे मुझसे बहुत छोटी हैं।”
उनके पति की तरह अभी पद्मा ने अभी बॉलीवुड के लिए नहीं गाया है। उनका मानना था कि पाश्र्वगायक बनने के लिए उनमें कुछ कमी थी।
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि इसके लिए आपको टशन (एटीट्यूड) की जरुरत होती है, जिसकी मुझमें कमी है।”
पिछले महीने पद्मा का पहला अलबम ‘मोरे पिया’ आया है। इसमें उन्होंने अपने पति वाडकर और सोनू निगम के साथ गाने गाए हैं। इनका संगीत श्रेयस पुराणिक ने दिया है।
उन्होंने कहा, “मैंने अलबम के बारे में कभी नहीं सोचा था। यह समय के साथ हुआ। मैंने अजीवसन के 22 वर्षीय छात्र श्रेयस के साथ अपने गाने रिकॉर्ड किए थे। मुझे अन्य लोगों ने एक अलबम बनाने को कहा।”
वह अपने अलबम को मिली प्रतिक्रिया से खुश हैं।