पुणे/नासिक, 7 मार्च (आईएएनएस)। महाराष्ट्र पुलिस ने सोमवार शाम को त्रयंबकेश्वर मंदिर के गर्भगृह में दाखिल होकर पूजा करने जा रही 100 से ज्यादा महिला कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
नासिक जिले में स्थित यह मंदिर देश के 12 ज्योतिर्लिगों में से एक है।
भूमि रणरागिनी ब्रिगेड (बीआरबी) की करीब 200 महिलाएं संगठन की अध्यक्ष तृप्ति देसाई की अगुवाई में पुणे से नासिक के लिए चली थीं। इस समूह में नासिक की भी करीब 100 महिलाएं शामिल हो गईं। लेकिन, उन्हें मंदिर से 100 किलोमीटर पहले सिन्नर शहर के पास शिंगोटे गांव के नजदीक पुलिस ने रोक लिया।
महिला पुलिस अधिकारियों ने उत्तेजित तृप्ति देसाई को एक पुलिस वैन में बिठा रखा था। देसाई ने पत्रकारों से कहा, “हमारे साथ बहुत बुरा व्यवहार किया जा रहा है। हमारी मुख्यमंत्री से मांग है कि हमें रोकने के बजाए सुरक्षा दी जाए।”
इससे पहले सोमवार सुबह देसाई ने कहा था कि उनकी योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मंदिरों के अंदर महिलाओं का प्रवेश सुनिश्चित करने की अपील करने की है ताकि सदियों से चली आ रही महिलाओं को प्रवेश न देने की परंपरा को बंद किया जा सके।
उन्होंने कहा कि हाल में मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री देवेन्द्र फणनवीस ने उनकी मांगों पर सकारात्मक ढंग से विचार करने की बात कही थी, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन ही कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेना उनकी बेइज्जती है।
बीआरबी ने कुछ ही दिन पहले पास के अहमदनगर जिले में 26 जनवरी के दिन शनि शिंगणापुर मंदिर में भी महिलाओं को पूजा के अधिकार को लेकर उग्र अभियान चलाया था, लेकिन वहां भी पुलिस ने उन्हें मंदिर के अंदर नहीं जाने दिया था।
उन्होंने कहा, “ना सिर्फ शनि शिंगणापुर मंदिर या त्रयंबकेश्वर मंदिर बल्कि देश के कई मंदिरों में महिलाओं के साथ भेदभाव व्याप्त है और एक-एक कर हम उन सभी से निपटेंगे।”
उन्होंने कहा, “त्रयंबकेश्वर मंदिर के गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश को रोकने की परंपरा का कोई वैज्ञानिक या धार्मिक आधार नहीं है।”
इस मंदिर के न्यास के अध्यक्ष यू.एस. फाल्के को लिखे अपने पत्र में देसाई ने कहा कि भारत के किसी शिव मंदिर में महिलाओं के जाने पर रोक नहीं है।