अगरतला, 25 मार्च (आईएएनएस)। केंद्र सरकार पूर्वोत्तर के प्रत्येक राज्य में रेडीमेड परिधान विनिर्माण इकाई स्थापित करना चाहती है। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ने की उम्मीद है।
अगरतला, 25 मार्च (आईएएनएस)। केंद्र सरकार पूर्वोत्तर के प्रत्येक राज्य में रेडीमेड परिधान विनिर्माण इकाई स्थापित करना चाहती है। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ने की उम्मीद है।
अधिकारियों ने कहा कि इसका मकसद क्षेत्र में कपड़ा उद्योग को और वहां से निर्यात को बढ़ावा देना है।
त्रिपुरा के हस्तकरघा और हस्तशिल्प विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, “कपड़ा मंत्रालय ने प्रत्येक इकाई के लिए 18 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है।” उन्होंने बताया कि इन इकाइयों का नाम ‘अपैरल एवं गारमेंट इकाई’ होगा।
उन्होंने कहा कि सरकारी कंपनी नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा में इकाइयों की स्थापना करेगी।
हाल में ही नागालैंड और मणिपुर में इकाइयों की आधारशिला रखी जा चुकी है। केंद्रीय कपड़ा राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार छह अप्रैल को त्रिपुरा इकाई की आधारशिला रखेंगे। अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक इकाई में करीब 300 महिलाओं को रोजगार मिलेगा।
अधिकारी ने कहा, “कपड़े का निर्यात पड़ोसी देशों को किया जाएगा। सभी इकाइयों का संचालन छोटे उद्यमियों द्वारा किया जाएगा।”
कपड़ा मंत्रालय और राज्य सरकार इन इकाइयों के कार्य संचालन पर नजर रखेंगे, लेकिन उनकी दैनिक प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं निभाएंगे।
अधिकारी ने कहा, “यदि ये इकाइयां सफल रहती हैं, तो इसी तरह की छोटी इकाइयां चुने हुए जिलों में भी शुरू की जाएंगी।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से कपड़ा मंत्रालय ने पहले प्रत्येक पूर्वोत्तर राज्य से राजधानी के निकट इकाइयों की स्थापना के लिए 1.5 एकड़ भूखंड देने के लिए कहा था।
केंद्रीय कपड़ा सचिव एस.के. पांडा ने पहले कहा था, “पूर्वोत्तर में संगठित कपड़ा क्षेत्र के लिए यह एक नई शुरुआत होगी।” पांडा गत वर्ष जुलाई तक त्रिपुरा के मुख्य सचिव थे।
वैश्विक परिधान बाजार में भारत की हिस्सेदारी महज 3.7 फीसदी है, जबकि बांग्लादेश की 6.1 फीसदी और वियतनाम की 4.3 फीसदी है।