नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। ‘वन रैंक वन पेंशन’ की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जून से ही धरना दे रहे पूर्व सैनिकों को पुलिस ने शुक्रवार को जंतर मंतर से जबरन हटा दिया, लेकिन बाद में इसे जारी रखने की इजाजत दे दी।
पूर्व सैनिकों पर यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है, जब यह अनुमान लगाया जा रहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में वन रैंक वन पेंशन की घोषणा कर सकते हैं।
इस बीच केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस योजना को लेकर गुणा-गणित लगाया जा रहा है।
पुलिस और नगरपालिका परिषद कर्मियों ने स्वतंत्रता दिवस से पहले सुरक्षा के मद्देजनर पूर्व सैनिकों को जबरन जंतर-मंतर से हटाया, जिसके बाद दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की भी हुई।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी पूर्व सैनिकों के साथ सहानुभूति जताने जंतर मंतर पर पहुंचे। लेकिन उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा, क्योंकि पूर्व सैनिकों ने उनसे कहा कि विरोध प्रदर्शन का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी पूर्व सैनिकों के समर्थन में ट्वीट किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि उन्हे स्वतंत्रता दिवस पर ओआरओपी की मांग मान लेनी चाहिए।
इस बीच पुलिस कार्रवाई के शिकार 82 वर्षीय विशम्भर ने कहा, “वे हमें किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए बुलाते हैं, और आज पुलिस हमारे साथ दुर्व्यवहार कर रही है। हम यहां से नहीं हटेंगे।”
उन्होंने कहा, “पुलिस ने मुझे धक्का दिया और यहां तक कि मेरा शर्ट फाड़ दिया।”
पुलिस कार्रवाई की चारों ओर निंदा होने के बाद सरकार ने तत्काल रुख बदलते हुए पूर्व सैनिकों को विरोध प्रदर्शन जारी रखने की अनुमति दे दी।
पुलिस उपायुक्त विजय सिंह आईएएनएस को बताया, “दिल्ली पुलिस ने पूर्व सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन के लिए जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन जारी रखने की अनुमति दे दी है।” उन्होंने इस प्रश्न का जवाब नहीं दिया कि आखिर पुलिस ने अपना रुख क्यों बदला।
उन्होंने कहा कि नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर सुरक्षा कारणों से सभी प्रदर्शनकारियों को अपने अभियान के तहत धरनास्थल से हटाया था।
कौल ने बाद में आईएएनएस को बताया, “हमें केंद्रीय गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन जारी रखने की मौखिक अनुमति दे दी है।”
ग्रुप कैप्टन वी.के. गांधी ने कहा कि यह एक काला स्वतंत्रता दिवस होगा, क्योंकि उन्होंने हमारी स्वतंत्रता छीनने की कोशिश की है।
इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट किया, “मैं प्रधानमंत्री से आग्रह करता हूं कि वह लाल किले से हमारे पूर्व सैनिकों की ओआरओपी की मांग स्वीकारने की घोषणा करें।”
पूर्व सैनिकों के प्रति सहानुभूति जताने जंतर मंतर पहुंचे राहुल गांधी को 10 मिनट में ही वापस लौटना पड़ा, क्योंकि पूर्व सैनिकों ने कहा कि वे इस विरोध प्रदर्शन का राजनीतिकरण नहीं चाहते।
इस दौरान राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री को चाहिए कि इस योजना के क्रियान्वयन के लिए वह एक खास तिथि घोषित करें।
राहुल ने कहा, “सरकार ने ओआरओपी का वादा किया है, लिहाजा इसे हर हाल में पूरा किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री एक तिथि तय करें।”
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इस बीच सभी कयासों को विराम लगाते हुए कहा, “सरकार ओआरओपी के प्रति सैद्धांतिक रूप से प्रतिबद्ध है। सिर्फ इस बारे में जोड़-घटाव किया जा रहा है.. क्योंकि कई परिभाषाएं दी गई हैं, जिनपर काम किया जा रहा है।”
रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने देहरादून में कहा कि योजना के क्रियान्वयन में तकनीकी कठिनाइयां हैं।
उन्होंने कहा, “हमने जो वादा किया है उसे पूरा करेंगे। हमने जब कहा है तो सरकार अपने कार्यकाल के भीतर इसे पूरा करेगी और हम इसे जल्द से जल्द करेंगे। हम अपने वादे के प्रति वचनबद्ध हैं।”
यदि ‘वन रैंक वन पेंशन’ लागू होती है, तो लगभग 25 लाख पूर्व सैन्यकर्मियों को इसका लाभ मिलेगा।