नई दिल्ली, 25 मार्च (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने फर्जी बिलों पर यात्रा भुगतान लेने के मामले में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व राज्यसभा सांसद ब्रजेश पाठक को बुधवार को जमानत दे दी।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत की न्यायाधीश अंजू बजाज चंदना ने पाठक तथा दिल्ली की कंपनी वंदना ट्रेवल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राजेश अग्निहोत्री को मंगलवार को जमानत दे दी।
पिछले महीने उन्हें सम्मन जारी किया गया था, जिसपर वे अदालत में समक्ष उपस्थित हुए थे।
जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि दोनों आरोपियों की जड़ें समाज से जुड़ी हैं और सुनवाई खत्म होने में लंबा वक्त लगेगा। अदालत ने दोनों को 50-50 हजार रुपये का निजी मुचलका तथा इतनी ही राशि का जमानत भरने का निर्देश दिया।
अदालत ने बिना मंजूरी लिए दोनों के देश छोड़ने पर पाबंदी लगा दी है। साथ ही उन्हें निर्देश दिया कि वे न तो सबूतों से छेड़छाड़ करें और न ही गवाहों को प्रभावित करें।
सीबीआई ने इस मामले में दो जनवरी को आरोप पत्र दाखिल किया था।
जांच एजेंसी ने यह कहते हुए पाठक के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं किया कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। लेकिन न्यायाधीश ने इसे खारिज करते हुए भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र सहित विभिन्न मामलों में उन्हें सम्मन जारी किया था।
पाठक पर आरोप है कि उन्होंने साल 2011-13 के दौरान निजी लोगों के साथ मिलकर आपराधिक षड्यंत्र के तहत फर्जी यात्रा बिलों के आधार पर राज्यसभा सचिवालय से 2,19,887 रुपये का भुगतान लिया, जबकि वास्तविक बिल केवल 10,499 करोड़ रुपये का था। इस तरह सरकार को इससे 2,09,338 रुपये का नुकसान हुआ।
राज्यसभा के सांसद के रूप में पाठक का कार्यकाल 25 नवंबर, 2014 को समाप्त हुआ।