मायावती ने फोनवार्ता में कहा कि याकूब मेनन के मामले में न्यायालय ने अपना काम पूरी ईमानदारी से निष्पादित किया है, इस कारण न्यायालय के फैसले पर कोई टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। जहां तक फांसी की सजा से संबंधित अन्य मामलों का काफी लंबे समय से लटकाए रखने का मामला है, तो लोगों की चिंताओं व शंकाओं के मद्देनजर यह जनहित व देशहित में ही होगा कि सरकार व न्यायालय दोनों मिलकर इनका समाधान करें और ऐसे मामलों को अनिश्चितकाल तक लंबित न रखंे।
बसपा प्रमुख ने कहा कि इस प्रकार के ज्यादातर मामलों में सरकार के ढुलमुल रवैये के कारण ही विसंगतियां पैदा होती हैं और भेदभाव की आशंका उत्पन्न होती है। इसलिए ऐसे मामलों में सरकारों को ज्यादा निष्पक्ष व स्वतंत्र भूमिका अदा करनी होगी, ताकि लोगों को यह महसूस हो कि कानून सबके लिए बराबर है।