शनिवार से शुरू हुई तीन दिवसीय प्रदर्शनी में दुनिया भर में फैले चीनी लोगों से चित्र मांगे गए और इनमें से चुनिंदा को प्रदर्शित किया जा रहा है। प्रदर्शनी का आयोजन म्यांमार-चाइना फ्रेंडशिप एसोसिएशन इन मांडले और कुछ अन्य संस्थाओं ने किया है।
म्यांमार-चाइना फ्रेंडशिप एसोसिएशन इन मांडले के अध्यक्ष यू पो मिंट ने कहा कि यह प्रदर्शनी युद्ध में हुए नुकसान को दिखाती है, साथ ही शांति का महत्व भी बताती है। उन्होंने कहा कि दुनिया शांति से प्रेम और युद्ध से नफरत करती है।
शानिवार को ही संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 70वीं सालगिरह के मौके पर यंगून में दो दिवसीय अकादमिक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी की शुरुआत हुई।
संगोष्ठी का आयोजन सेंटर फार स्ट्रैटजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज आफ म्यांमार और चीन के युनान विश्वविद्यालय ने किया। इसमें बीते 70 साल में संयुक्त राष्ट्र में सुधार प्रक्रिया और भविष्य में इसकी भूमिका पर चर्चा की गई।
संगोष्ठी में म्यांमार के पूर्व उप विदेश मंत्री यू खिन मांग विन ने कहा, “बीते 70 साल में स्थितियां नाटकीय रूप से बदली हैं। संयुक्त राष्ट्र को खुद को इनके हिसाब से बदलना होगा और आज के अंतर्राष्ट्रीय हालात के हिसाब से जरूरी सुधार करने होंगे।”