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फिटनेस अब उंगली के पोरों पर!

नई दिल्ली, 7 दिसम्बर (आईएएनएस)। अगर आप फिटनेस के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हो रहा तो फिटनेस एप्स, रिस्ट बैंड्स और ऑनलाइन सेवाओं की दुनिया में आपका स्वागत है। यानी ऐसी सेवाएं जो घर बैठे ही लोगों को फिटनेस का लक्ष्य हासिल करने में मदद कर रही हैं।

नई दिल्ली, 7 दिसम्बर (आईएएनएस)। अगर आप फिटनेस के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हो रहा तो फिटनेस एप्स, रिस्ट बैंड्स और ऑनलाइन सेवाओं की दुनिया में आपका स्वागत है। यानी ऐसी सेवाएं जो घर बैठे ही लोगों को फिटनेस का लक्ष्य हासिल करने में मदद कर रही हैं।

स्वास्थ्य और फिटनेस मार्केट में अग्रणी ‘फिटबिट इंक’ के प्रमुख राजस्व अधिकारी वूडी स्कल के मुताबिक, उपभोक्ताओं ने अनुमानत: 2014 में स्वास्थ्य और फिटनेस सेवाओं पर 20 अरब डॉलर खर्च किए।

भारत में भी फिटनेस का जुनून तेजी से बढ़ रहा है।

स्कल ने पत्रकार को ईमेल के माध्यम से बताया, “लोग अपने स्वास्थ्य और फिटनेस में सुधार करना चाहते हैं। साथ ही भारत में मोटापा, डायबिटीज और कैंसर जैसी स्वास्थ्य समस्याएं लोगों को फिट शरीर के लिए नए तरीके खोजने को प्रेरित कर रही हैं।”

लेकिन सवाल यह है कि देशभर में खुलते जिम और फिटनेस सेंटर के होते हुए क्या फिटनेस के लिए ऑनलाइन सेवाओं की जरूरत है?

एक ऑनलाइन वेबसाइट और मोबाइल एप हेल्थिफाइ मी के कोच श्री लक्ष्मी के मुताबिक, “दुर्भाग्य से इन जिम में से 20 प्रतिशत में भी सर्टिफाइड ट्रेनर्स नहीं होते।”

फिटबिट और जॉबोन के भारत में प्रवेश को देखते हुए फिटनेस क्षेत्र के अधिकांश वैश्विक खिलाड़ी स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए कतार में खड़े हैं।

स्कल ने भारत को इस वर्ग के बड़े बाजार के रूप में उभरने के बारे में बताते हुए कहा, “एक्सेंचर के हालिया डिजिटल कंज्यूमर टेक सर्वे में पाया गया कि भारतीय उपभोक्ता फिटनेस मॉनिटर और स्मार्ट वॉच खरीदने के इच्छुक हैं, इसलिए हम मानते हैं कि यह इस वर्ग का एक बड़ा बाजार बनेगा।”

स्मार्ट वॉच के एक अग्रणी ब्रांड टाइमएक्स ने भी भारत में स्वास्थ्य वर्ग में कदम रख दिए हैं।

टाइमएक्स ग्रुप इंडिया के प्रमुख अनुपम माथुर ने कहा, “हालांकि भारतीय बाजार अपनी प्रारंभिक अवस्था में है, लेकिन पहनने योग्य प्रोद्यौगिकी के साथ कई ब्रांड्स के प्रवेश से इस वर्ग में काफी संभावनाएं बढ़ी हैं।”

डिजिटल प्रोद्यौगिकी के साथ स्वास्थ्य उपकरणों का समन्वय कई भारतीय फिटनेस एप्स और ऑनलाइन स्टार्ट अप्स को प्रवेश का मौका दे रहा है।

माथुर ने कहा, “डिजिटल और स्वास्थ्य देखभाल के समन्वय से पहनने योग्य उपकरण निर्मित हो रहे हैं। ये सेंसर्स के माध्यम से दिल की धड़कन और गति जैसे मानकों पर नजर रखते हैं, जो पहनने वाले के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देते हैं।”

उपकरण के आधार पर गति, व्यायाम, दूरी, दिल की धड़कन, रक्तचाप, तापमान और अन्य चीजों पर नजर रखी जा सकती है।

हेल्थिफाइ मी के वर्तमान में भारत में 1,80,000 से भी अधिक उपभोक्ता हैं।

माथुर के मुताबिक, “हमारे उपभोक्ता फिटनेस के शौकीन और एथलीट हैं जो स्टाइल और प्रोद्यौगिकी का मेल चाहते हैं। 18-34 की उम्र वर्ग के ये उपभोक्ता ऐसे एक ही गजट में सब कुछ चाहते हैं जो कि एक विश्वसनीय प्रोद्यौगिकी हो।”

लक्ष्मी ने कहा, “जीत तभी होगी जब स्मार्टफोन आपके निजी कोच, निजी न्यूट्रिशनिस्ट और निजी चिकित्सक के रूप में काम करना शुरू कर दें।”

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