रायपुर/दंतेवाड़ा, 9 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में शनिवार को नक्सलियों से हिंसा त्याग कर मुख्यधारा में लौटने का आह्वान किया और कहा कि कंधे पर बंदूक टांगने से नहीं, बल्कि ‘हल’ से समस्याओं का हल निकलेगा।
मोदी ने अपनी एक दिवसीय छत्तीसगढ़ यात्रा के दौरान जनजातीय बच्चों से भी मुलाकत की और उनके ढेर सारे रोचक सवालों के जवाब दिए।
मोदी ने कहा, “बस्तर की धरती ने दुनिया को जीने का रास्ता सिखाया है, यहां के आदिवासियों ने मिसाल पेश की है, यहां के लोगों के कंधों पर हल होने चाहिए, बंदूकें नहीं।”
दंतेवाड़ा में कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित विशाल सभा को संबोधित करते हुए नक्सलियों से मुख्य धारा में लौटने का उन्होंने आह्वान किया। उन्होंने कहा, “कंधे पर हल से विकास संभव है, जबकि कंधे पर गन यानी बंदूक समस्या का समाधान नहीं है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “बस्तर के इतिहास में यह पहला मौका है कि एक घंटे में 24 हजार करोड़ रुपये की लागत के विकास कार्यों के लिए समझौते किए गए। इससे भविष्य में बस्तर की जिंदगी में बदलाव का अनुमान लगाया जा सकता है।”
उन्होंने कहा, “हमारी कोशिश है कि सुदूर इलाकों में रेल की पटरियां बिछाई जाएं, ताकि पिछड़े इलाके के लोगों को भी यातायात के साधन मिलें। हमारा कारोबार होगा तो इस्पात भी हमारा होगा और इसी में हमारे नौजवानों को रोजगार मिलेगा और उनका भविष्य बनेगा।”
उन्होंने कहा, “कई नक्सली मुख्यधारा में लौटे हैं। नक्सली मानवता को अंगीकार कर ऐसे लोगों और उनके बच्चों के साथ कुछ समय बिताएं, जिनके माता-पिता और परिजन हिंसा की भेंट चढ़ गए हैं। यहां के नौजवानों में देश का भविष्य बदलने की क्षमता है।”
मोदी ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जिन्हें जनता ने नकार दिया है, वे जनता को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं। देश को ईमानदारी से ही चलाया जा सकता है।
इससे पहले मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपने संबोधन में राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद हुए विकास का उल्लेख किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “बस्तर का इतिहास गौरवशाली रहा है। यहां केंद्र सरकार ने भी कई कल्याणकारी योजनाओं के लिए मदद दी है। हिंदुस्तान का सबसे बेहतर लोहा इसी क्षेत्र में होता है, मगर पिछले 60 साल से इस लोहे को विदेशों में भेजा जाता रहा है।”
उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है इस लोहे का इस्तेमाल देश में ही किया जाए। इसलिए बस्तर में अल्ट्रा मेगा इस्पात संयंत्र की स्थापना की जा रही है। जगदलपुर से रावघाट तक रेलवे लाइन का विकास भी किया जा रहा है। इसके लिए 24 हजार करोड़ की योजना शुरू की गई। यह किसी भी राज्य के लिए असाधारण उपलब्धि है।”
रमन ने कहा, “2018 तक हर घर में शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य को स्लरी पाइपलाइन और पैलेट प्लांट के साथ दिल्ली, राजहरा में पैलेट संयंत्र की सौगात भी मिली है। बस्तर क्षेत्र में अल्ट्रा मेगा इस्पात संयंत्र की स्थापना के साथ जगदलपुर से रावघाट तक रेलवे लाइन के विकास को लेकर भी एमओयू किया गया।”
सभा में केंद्रीय इस्पात और खान मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्य के मंत्री विष्णु देव साय, सांसद दिनेश कश्यप के साथ प्रदेश सरकार के अन्य मंत्री भी मौजूद रहे।
अपने एक दिन के बस्तर दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री ने दंतेवाड़ा केपास ग्राम जावंगा स्थित एजुकेशन सिटी परिसर के ऑडिटोरियम में जनजातीय छात्र-छात्राओं से भी बातचीत की। इस दौरान उनसे कई रोचक सवाल पूछे गए और प्रधानमंत्री ने उनका अपने अंदाज में जवाब दिया।
मोदी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जीवन का सबसे ज्यादा आनंद बच्चा बने रहने का है। बड़े हो जाते हैं, तब हमें उसका महत्व पता चलता है। ईश्वर मुझसे पूछे कि क्या चाहते हो, तो मैं कहूंगा कि वापस बच्चा बनना चाहूंगा।
प्रधानमंत्री के बस्तर दौरे के दौरान चार परियोजनाओं के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
इससे पहले रायपुर में खराब मौसम की वजह से मोदी की सभा स्थगित करनी पड़ी।