रांची, 14 दिसम्बर (आईएएनएस)। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकारों की झारखंड को बड़े व्यापार क्षेत्र के रूप में प्रचारित करने के कारण राज्य के निर्माण का असली मकसद पीछे छूट रहा है जो कि जल, जगल और जमीन को बचाने का है।
मरांडी ने आईएएनएस से कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड में बड़ी व्यावसायिक परियोजनाएं लाना चाहते हैं। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में झारखंड के निर्माण का मकसद खत्म होता दिखाई दे रहा है।”
मरांडी ने कहा कि रांची में रघुबर दास की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार दुनिया को यह बताए बिना कि झारखंड में आबादी का 46 फीसदी हिस्सा अभी भी गरीबी रेखा से नीचे है, कारोबार में सहूलियत के लिए विश्व बैंक रेटिंग को झुठला रही है।
मरांडी ने कहा, “बड़े उद्यम राज्य की समस्याओं के लिए कोई समाधान नहीं हैं। वे केवल लोगों को विस्थापित करते हैं। बड़े उद्यमों को आकर्षित करने के लिए झारखंड का प्रचार करना स्थानीय लोगों के लिए फायदेमंद नहीं होगा।”
मरांडी ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने चुनाव अभियान के दौरान झारखंड के हित के लिए बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन कुछ भी हकीकत में तब्दील नहीं हुआ।
मरांडी ने अपनी बात को पुख्ता तौर पर रखने के लिए विधानसभा अध्यक्ष दिनेश ओरांव के असंतोष की भी बात की।
मरांडी ने कहा, “दिनेश ओरांव सत्तारूढ़ भापजा के हैं और उनकी परेशानी देखिए कि उन्हें राज्य सरकार और नौकरशाही के कामकाज के तरीके के कारण इस्तीफा देने की धमकी देनी पड़ी है।”
गौरतलब है कि पिछले शुक्रवार विधानसभा अध्यक्ष ने कहा था कि विधायकों के लिए विकास फंड जारी करने में अधिकारी इतने रोड़े अटका रहे हैं कि वे सोच रहे हैं कि अपने पद से इस्तीफा दे दें।
संघ परिवार के पूर्व सदस्य मरांडी ने 2006 में भाजपा छोड़ कर झारखंड विकास मोर्चा नामक एक नई पार्टी गठित कर ली थी।