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 बदलते मौसम में बरकरार रखें त्वचा का सौंदर्य : शहनाज हुसैन (फोटो सहित) | dharmpath.com

Wednesday , 7 May 2025

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बदलते मौसम में बरकरार रखें त्वचा का सौंदर्य : शहनाज हुसैन (फोटो सहित)

नई दिल्ली, 25 मार्च (आईएएनएस)। पतझड़ के बाद वसंत पंचमी के आगमन के साथ ही चारों ओर हरियाली और खुशहाली का वातावरण छा जाता है। वसंत ऋतु को ऋतुराज कहा जाता है, लेकिन मौसम के बदलने के साथ ही सौंदर्य से जुड़ी अनेक समस्याएं खड़ी हो जाती हैं। वसंत ऋतु में मौसम में शुष्क हवा तथा तापमान में बढ़ोतरी से त्वचा के जलन तथा अन्य सौंदर्य समस्याएं उभर जाती हैं।

मौसम में बदलाव के साथ ही हमें अपनी सौंदर्य आवश्यकताओं को बदलकर बदलते मौसम के अनुरूप ढालना चाहिए, ताकि हमारी त्वचा तथा बालों को पर्याप्त देखभाल मिल सके। यह कहना है अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौंदर्य विशेषज्ञ शहनाज हुसैन का।

हर्बल क्वीन ने कहा, “हम हर मौसम में सुंदर दिखना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए त्वचा की प्रकृति, मौसम के मिजाज व इसकी पोषक जरूरतों के प्रति निरंतर सजग रहना पड़ता है। वसंत ऋतु शुरू होते ही त्वचा रूखी व पपड़ीदार हो जाती है। इस मौसम में त्वचा में नमी की कमी की वजह से रूखे लाल चकत्ते भी पड़ जाते हैं।”

उन्होंने कहा कि चकत्ते होने पर तत्काल रासायनिक साबुन का प्रयोग बंद कर देना चाहिए। साबुन की बजाय सुबह-शाम क्लीनजर का उपयोग करना चाहिए। इसी तरह घरेलू आयुर्वेदिक उपचार के तौर पर त्वचा पर तिल के तेल की मालिश कर सकते हैं। वैकल्पिक तौर पर दूध में कुछ शहद की बूंदें डालकर इसे त्वचा पर लगाकर 10.15 मिनट तक लगा रहने दीजिए तथा बाद में इसे ताजे स्वच्छ जल से धो डालिए। यह उपचार सामान्य तथा शुष्क दोनों प्रकार की त्वचा के लिए उपयोगी है।

शहनाज ने कहा कि यदि त्वचा तैलीय है तो 50 मिलीलीटर गुलाब जल में एक चम्मच शुद्ध ग्लीसरीन मिलाइए। इस मिश्रण को बोतल में डालकर इसे पूरी तरह मिला कर इस मिश्रण को चेहरे पर लगा लीजिए। इससे त्वचा में पर्याप्त आद्र्रता बनी रहेगी तथा ताजगी का अहसास होगा। तैलीय त्वचा पर भी शहद का लेप कर सकते हैं। शहद प्रभावशाली प्राकृतिक आद्र्रता प्रदान करके त्वचा को मुलायम तथा कोमल बनाता है।

उन्होंने कहा कि वास्तव में वसंत ऋतु के दौरान रोजाना 15 मिनट तक शहद का लेप चेहरे पर करके उसे स्वच्छ ताजे पानी से धो सकते हैं। इससे त्वचा पर सर्दियों के दौरान पड़े विपरीत प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है। वसंत ऋतु में एलर्जी की समस्या बढ़ जाती है, जिससे त्वचा में खारिश, चकत्ते तथा लाल धब्बे हो जाते हैं। ऐसे में चंदन क्रीम को त्वचा का संरक्षण तथा रंगत रखने में काफी उपयोगी माना जाता है।

हर्बल क्वीन ने कहा कि त्वचा के रोगों खासकर फोड़े, फुंसी लाल दाग तथा चकत्ते में तुलसी भी अत्याधिक उपयोगी है। त्वचा के घरेलू उपचार में नीम तथा पुदीना की पत्तियां भी काफी सहायक मानी जाती हैं।

वसंत ऋतु में घरेलू उपचार :

* त्वचा की खाज, खुजली तथा फुंसियों में चंदन पेस्ट का लेपन कीजिए। चंदन पेस्ट में थोड़ा सा गुलाब जल मिलाकर उसे प्रभावित त्वचा पर लगाकर आधा घंटा बाद ताजे स्वच्छ जल से धो डालिए।

* चंदन के दो या तीन बूंद तेल को 50 मिलीलीटर गुलाब जल में मिलाइए तथा इसे प्रभावित स्थान पर लगाइए। त्वचा की खारिश में एपल सिडर विनेगर काफी मददगार साबित होता है। इससे गर्मी की जलन व बालों में रूसी की समस्या को निपटने में मदद मिलती है।

* नींबू की पत्तियों को चार कप पानी में हल्की आंच पर एक घंटा उबालिए। इस मिश्रण को टाइट जार में रातभर रहने दीजिए। अगली सुबह मिश्रण से पानी निचोड़ कर पत्तियों का पेस्ट बना लीजिए और इस पेस्ट को प्रभावित त्वचा पर लगा लीजिए।

* एक चम्मच मुलतानी मिट्टी को गुलाब जल में मिलाकर इस पेस्ट को प्रभावित स्थान पर लगाकर 15.20 मिनट बाद धो डालिए। त्वचा की खारिश में बायोकाबोर्नेट सोडा भी अत्यधिक प्रभावशाली साबित होता है। बायोकाबोर्नेट सोडे तथा मुलतानी मिप्ती एवं गुलाब जल का मिश्रण बनाकर पैक बना लें। इसे खारिश, खुजली चकते तथा फोड़े-फुंसियों पर लगाकर 10 मिनट बाद ताजे स्वच्छ जल से धो लीजिए। इससे त्वचा को काफी राहत मिलेगी।

बदलते मौसम में बरकरार रखें त्वचा का सौंदर्य : शहनाज हुसैन (फोटो सहित) Reviewed by on . नई दिल्ली, 25 मार्च (आईएएनएस)। पतझड़ के बाद वसंत पंचमी के आगमन के साथ ही चारों ओर हरियाली और खुशहाली का वातावरण छा जाता है। वसंत ऋतु को ऋतुराज कहा जाता है, लेकि नई दिल्ली, 25 मार्च (आईएएनएस)। पतझड़ के बाद वसंत पंचमी के आगमन के साथ ही चारों ओर हरियाली और खुशहाली का वातावरण छा जाता है। वसंत ऋतु को ऋतुराज कहा जाता है, लेकि Rating:
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