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 बहनों से प्रेरणा और प्रतिस्पर्धा दोनों मिलती है : रितु फोगाट (साक्षात्कार) | dharmpath.com

Sunday , 11 May 2025

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बहनों से प्रेरणा और प्रतिस्पर्धा दोनों मिलती है : रितु फोगाट (साक्षात्कार)

नई दिल्ली, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। कुश्ती की दुनिया में तमाम शोहरत हासिल करने वाली फोगाट बहनों में से एक रितु फोगाट का कहना है कि उन्हें बहनों से खेल में अच्छा करने के लिए प्रेरणा और प्रतिस्पर्धा दोनों मिलती हैं।

नई दिल्ली, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। कुश्ती की दुनिया में तमाम शोहरत हासिल करने वाली फोगाट बहनों में से एक रितु फोगाट का कहना है कि उन्हें बहनों से खेल में अच्छा करने के लिए प्रेरणा और प्रतिस्पर्धा दोनों मिलती हैं।

गीता, बबीता और विनेश फोगाट राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर कुश्ती की दुनिया में अपना डंका बजा चुकी हैं। रितु ने भी 2017 एशियाई कुश्ती चैम्पियंशिप में कांस्य और अंडर-23 वर्ल्ड चैम्पियंशिप में रजत पदक जीता, लेकिन उन्हें अभी भी राष्ट्रमंडल एवं ओलम्पिक खेलों में पदक की तलाश है।

राष्ट्रीय राजधानी में जूतों के ब्रांड स्कैचर्स के एक कार्यक्रम में आई रितु ने कार्यक्रम से इतर आईएएनएस को दिए एक साक्षात्कार में कहा, “मेरी बहनों से मुझ खेल में अच्छा करने की प्रेरणा और प्रतिस्पर्धा दोनों मिलती है। मुझ पर थोड़ा दबाव भी रहता है क्योंकि काफी लोगों को उम्मीदें रहती है कि अपनी बहनों की तरह यह भी बड़े टूर्नामेंट में पदक लेकर आएगी, लेकिन जब मैं मैच खेलने उतरती हूं, तो इस दबाव को दूर करके अपना सौ प्रतिशत देती हूं।”

अपनी बहनों और बाकी खिलाड़ियों की तरह रितु भी ओलम्पिक खेलों में स्वर्ण पदक का सपना संजोए बैठी हैं।

रितु ने कहा, “मेरा एकमात्र लक्ष्य ओलम्पिक स्वर्ण जीतना है। वर्ल्ड चैम्पियंशिप जैसे टूर्नामेंट होते ही रहते हैं, लेकिन मेरी नजर सिर्फ ओलम्पिक स्वर्ण पर ही है। मैं पदक के लिए कड़ी मेहनत कर रही हूं और खासकर अपनी कमजोरियों को सुधारने पर अधिक ध्यान दे रही हूं।”

उन्होंने यह भी माना कि 2015 में शुरू हुई प्रो रेसलिंग लीग (पीडब्लयूएल) से उनके खेल में बहुत निखार आया है और ऐसी लीगों से खिलाड़ियों को काफी मदद मिलती है। इस लीग में खेलने का लाभ एशियाई खेलों जैसे बड़े टूर्नामेंट में देखने को मिलता है।

रितु ने कहा, “मुझे प्रो रेसलिंग लीग से व्यक्तिगत रूप से काफी फायदा पहुंचा और बहुत कुछ सीखने को मिला है। इस टूर्नामेंट से मेरा आत्मविश्वास काफी बढ़ा जिसका लाभ मुझे वर्ल्ड चैम्पियंशिप जैसे टूर्नामेंट में हुआ। मैंने पीडब्लयूएल में शीर्ष स्तर के खिलाड़ियों के साथ तैयारी की और उनके विरुद्ध मैच भी खेले जिसने मेरे आत्मविश्वास को बढ़ाने में काफी सहायता की।”

रितु ने पीडब्ल्यूएल के इस सीजन में वीर माराठाज का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने यह भी कहा कि परिवार में बहनों के बीच अच्छी प्रतिस्पर्धा होती है जिससे उन्हें टूर्नामेंट के लिए तैयारी करने में सहायता मिलती है।

उन्होंने कहा, “सभी बहनों के बीच प्रतिस्पर्धा होती है। मेरे और विनेश के बीच ज्यादा लड़ाई होती है क्योंकि हम दोनों एक ही भार वर्ग में खेलते हैं। इससे हमें बड़े टूर्नामेंट के लिए तैयारी करने में भी आसानी होती है।”

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