नई दिल्ली, 18 अगस्त (आईएएनएस)। दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) ने राजधानी में बिजली आपूर्ति करने वाली तीनों कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग मंगलवार को की है। आप ने आपराधिक कार्रवाई की यह मांग इसलिए की है, क्योंकि कंपनियों ने उपभोक्ताओं पर बकाया बिजली बिल की राशि कथित तौर पर मनमाने तरीके से बढ़ा दी है।
बिजली कंपनियों का हालांकि कहना है कि मामले में लेखा परीक्षण तो चल ही रहा है, मामला न्यायालय में भी है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आप राजधानी में बिजली की दरों को कम कर उसे एक तार्किक स्तर पर लाने और भविष्य में इस तरह बिजली की दरें बढ़ाए जाने पर लगाम लगाने की मांग करती रही है।
पार्टी ने यह भी कहा कि जिन लोगों से बढ़ी हुई दरों पर वसूली की गई उनकी राशि भी लौटाई जाए।
आप नेता दीपक वाजपेयी ने आधिकारिक लेखा परीक्षक की रपट का हवाला देते हुए कहा, “हम बिजली कंपनियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग करते हैं। उन्हें जेल भेज देना चाहिए।”
उल्लेखनीय है कि लेखा परीक्षक की प्रारंभिक रपट मीडिया में लीक हो गई।
आप ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रपट सार्वजनिक किए जाने की मांग भी की। दिल्ली सरकार ने हालांकि इस पर कोई आधिकारिक वक्तव्य जारी नहीं किया है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस मामले में उच्च न्यायालय में अपील करने के संबंध में राज्य सरकार ने कानूनी सलाह-मशविरा किया है।
दिल्ली में बिजली आपूर्ति करने वाली दो कंपनियों -बीएसईएस राजधानी और बीएसईएस यमुना- के प्रवक्ता ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, “हम मीडिया के एक हिस्से द्वारा गैर जिम्मेदारी भरा, त्रुटिपूर्ण तथ्यों वाली, शातिर और गलत तरीके से सीएजी की रपट पेश किए जाने से चकित हैं।”