पटना, 15 मई (आईएएनएस)। बिहार मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में अल्पसंख्यक और अति पिछड़े छात्र-छात्राओं के मदद के लिए कई प्रस्तावों को मंजूरी दी है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के तहत अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावासों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को प्रतिमाह 1,000 रुपये अनुदान (वजीफा) प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
इसी तरह, पिछड़ा व अतिपिछड़ा वर्ग के छात्रावासों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को भी हर महीने 1000 रुपये का अनुदान मिलेगा।
मंत्रिमंडल समन्वय विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह और गृह एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने संयुक्त रूप से बताया कि वजीफे की यह राशि मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावास अनुदान योजना व मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग छात्रावास अनुदान योजना के तहत प्रदान की जाएगी।
उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में राज्य में कुल 33 अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावास हैं, जिसमें 3350 छात्र-छात्राओं के रहने की व्यवस्था है।
साथ ही राज्य में 11 नए अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावास स्थापित किए जाएंगे। इसके बाद छात्रावासों में रहने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़कर 5340 हो जाएगी। इसी तरह, राज्य के विभिन्न जिलों में कुल 33 पिछड़ा व अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है। 10 छात्रावास निर्माणाधीन हैं। अनुदान पर सरकार को हर साल 3़94 करोड़ रुपये का खर्च उठाना होगा।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कुल 21 एजेंडों को स्वीकृति प्रदान की गई।
सिंह ने बताया कि पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के तहत ‘मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना’ के तहत बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को आगे की तैयारी के लिए एकमुश्त 50 हजार रुपये तथा संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को एकमुश्त एक लाख रुपये दिए जाएंगे।
अति पिछड़ा कल्याण सचिव प्रेम सिंह मीणा ने बताया कि औसतन 2100 विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर इसके लिए 11़5 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।