पटना, 15 जनवरी (आईएएनएस)। बिहार में राजधानी पटना सहित कई क्षेत्रों में शुक्रवार को मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा समेत कई नदियों, जलाशयों में हजारों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई। इस मौके पर श्रद्घालुओं ने गंगा स्नान के बाद दान-पुण्य किए।
हालांकि, बिहार के कुछ क्षेत्रों में गुरुवार को भी मकर संक्रांति मनाई गई थी।
पटना में गंगा स्नान के लिए लोग गुरुवार की शाम से ही जुटने लगे थे। शुक्रवार सुबह ठंड के बावजूद लोगों ने गंगा के विभिन्न घाटों पर पहुंचकर स्नान किया। ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा में डुबकी लगाने और गंगा तट पर तिल का दान करने से सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है।
विद्वानों के मुताबिक, इसी दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है और दक्षिणायण से उत्तरायण की ओर जाता है। पंडितों का कहना है कि सूर्य के धनु से मकर राशि में जाने से ‘खरमास’ भी समाप्त हो जाता है और शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं।
पंडित श्रीपति शास्त्री के मुताबिक, “जो लोग मकर संक्रांति की सुबह गंगा स्नान के बाद भगवान भास्कर को तिल का भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण करते हैं, उन पर भगवान भास्कर की कृपा बनी रहती है।”
मकर संक्रांति के दिन चूड़ा-दही तथा तिलकुट खाने की भी परंपरा है। इस दिन तिल खाने और तिल दान में देने को भी शुभ माना जाता है।
मकर संक्रांति के अवसर पर बक्सर, भागलपुर, मुजफ्फरपुर समेत कई क्षेत्रों में भी लोगों ने नदियों व जलाशयों में डुबकी लगाई। लोग मंदिरों में पूजा-अर्चना और दान-पुण्य कर रहे हैं।