मुम्बई, 20 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने सोमवार को 2015-16 के लिए अपने कार्यक्रम की घोषणा कर दी, जिसके तहत अगले छह महीनों में 900 घरेलू मैचों का आयोजन किया जाएगा।
बोर्ड द्वारा जारी कार्यक्रम के मुताबिक 2015-16 सत्र में अक्टूबर, 2015 से मार्च, 2016 के बीच विभिन्न स्तरों पर ये मुकाबले खेले जाएंगे।
देवधर ट्रॉफी तीन टीम फॉरमेट के आधार पर खेली जाएगी। इसमें विजय हजारे टूर्नामेंट की चैम्पियन टीम और दो अन्य टीमें हिस्सा लेंगी। इन टीमों का चयन चयनकर्ता करेंगे।
रणजी ट्रॉफी की शुरुआत एक अक्टूबर से होगी। वीनू मांकड ट्रॉफी (पुरुष) अंडर-19 की शुरुआत भी एक अक्टूबर से होगी। इसी तरह यू-19 महिला एकदिवसीय प्रतियोगिता की शुरुआत 20 सितम्बर से होगी।
सी. के. नायडू ट्रॉफी (यू-23) की शुरुआत 10 अक्टूबर से होगी और यू-19 पुरुष चैलेंजर ट्रॉफी के मुकाबले 28 अक्टूबर से खेले जाएंगे।
पुरुष (यू-19) कूट बिहार ट्रॉफी की शुरुआत पांच नवंबर से होगी जबकि यू-16 पुरुष विजय मर्चेट ट्रॉफी की शुरुआत 1 दिसम्बर से होगी।
सीनियर पुरुष एकदिवसीय टूर्नामेंट का आगाज 8 दिसम्बर से होगा और विजय हजारे नॉकआउट टूर्नामेंट (सीनियर पुरुष) का आगाज 21 दिसम्बर से होगा।
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (सीनियर पुरुष) का आगाज 15 जनवरी से और सीनियर पुरुष ईरानी कप का आगाज 6 मार्च से होगा।
एक नया यू-19 चैलेंजर टूर्नामेंट इस साल शुरू किया जा रहा है। इसमें तीन टीमें हिस्सा लेंगी और इनका चयन जूनियर चयनकर्ता करेंगे। इस टूर्नामेंट में खेलने वाले खिलाड़ियों को बांग्लादेश में अगले साल होने वाले अंडर-19 विश्व कप में खेलना का मौका मिल सकेगा।
इसी वर्ष से शुरू हो रहा सीनियर पुरुष एकदिवसीय और टी-20 टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी की तर्ज पर ग्रुप फॉरमेट में खेला जाएगा न कि जोन के आधार पर। पहली बार होने वाले इस टूर्नामेंट में टीमों को चार समूहों में बांटा जाएगा और पिछले वर्ष के प्रदर्शन के आधार पर उनके ग्रुप बनाए जाएंगे।
बीसीसीआई के सचिव अनुराग ठाकुर ने कहा, “इस वर्ष हमने अंतर्राष्ट्रीय जरूरतों के हिसाब से अपना खरेलू कार्यक्रम निर्धारित किया है, जिसमें इस बात का खयाल रखा गया है कि हमारे सभी घरेलू खिलाड़ियों को हिस्सा लेने और अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिले। इस तरह राष्ट्रीय टीम में शामिल होने का उनके पास अधिक अवसर होगा।”
उन्होंने कहा, “हम इस सत्र के कार्यक्रम की घोषणा इतना पहले इसलिए कर रहे हैं, ताकि हमारे राज्य क्रिकेट संघों और टीमों को कार्यक्रम के अनुसार योजना और रणनीति बनाने का पूरा समय मिले। हमारा मानना है कि घरेलू क्रिकेट का महत्व सर्वोपरि है और बीसीसीआई लगातार गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रयासरत है, ताकि देश में क्रिकेट की नींव लगातार मजबूत बनी रहे।”