Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 बुंदेलखंड़ में बचे हैं सिर्फ 44 हाथी, 74 ऊंट | dharmpath.com

Wednesday , 7 May 2025

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » भारत » बुंदेलखंड़ में बचे हैं सिर्फ 44 हाथी, 74 ऊंट

बुंदेलखंड़ में बचे हैं सिर्फ 44 हाथी, 74 ऊंट

December 22, 2016 9:45 am by: Category: भारत Comments Off on बुंदेलखंड़ में बचे हैं सिर्फ 44 हाथी, 74 ऊंट A+ / A-

%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%a5%e0%a5%80बांदा, 22 दिसंबर (एजेंसी)- उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड़ में घटते जंगल और बढ़ती आबादी के बीच पशुओं की संख्या में खासी कमी आई है। यहां 2012 में हुई पशु गणना में सिर्फ 44 हाथी और 74 ऊंट ही पाए गए हैं। एक दशक में इस संख्या में 25 से 30 फीसदी की कमी आई है।

पहाड़, जंगल और चट्टानी मैदान वाले बुंदेलखंड़ में अन्य जंगली जानवरों और पशुओं की संख्या के अलावा हाथी और ऊंटों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। हर एक दशक में कराई जाने वाली पशु गणना में इसका खुलासा हुआ है।

वर्ष 2012 की पशु गणना के आधार पर चित्रकूटधाम परिक्षेत्र बांदा के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. लाखन सिंह ने बताया, “पिछले दशक की गणना के मुताबिक, इस दशक में 25 से 30 फीसदी हाथी और ऊंटों की संख्या में कमी आई है।”

उन्होंने बताया, “वर्तमान समय में बुंदेलखंड में सिर्फ 44 हाथी बचे हैं, जिनमें 27 नर और 7 मादा हैं। बांदा जिले में सर्वाधिक 28 हाथी हैं। इनमें 21 नर व 7 मादा हैं। महोबा जिले में 3 और जालौन में 13 हाथी हैं। चित्रकूट और हमीरपुर में हाथियों की संख्या शून्य है।”

उन्होंने कहा, “इसी तरह ऊंटों की संख्या के बारे में बुंदेलखंड में कुल 74 ऊंट हैं, जिनमें सबसे ज्यादा बांदा में 60, चित्रकूट में 7, महोबा में 5 और हमीरपुर में 2 ऊंट हैं, जबकि जालौन में एक भी ऊंट नहीं है। हाथी और ऊंट जंगली नहीं बल्कि पालतू हैं।”

बुंदेलखंड में जल, जंगल और जमीन के मुद्दे पर काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश रैकवार का कहना है कि दिन-रात जंगलों में कुल्हाड़ी चल रही है और पहाड़ों में किए जाने वाले विस्फोट के अलावा बढ़ती आबादी की वजह से जंगली जानवरों की संख्या में कमी आ रही है। वन विभाग सिर्फ कागज में वन्यजीवों का संरक्षण कर रहा है, इसका दूरगामी परिणाम बड़ा भयावह होगा।

बुंदेलखंड़ में बचे हैं सिर्फ 44 हाथी, 74 ऊंट Reviewed by on . बांदा, 22 दिसंबर (एजेंसी)- उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड़ में घटते जंगल और बढ़ती आबादी के बीच पशुओं की संख्या में खासी कमी आई है। यहां 2012 में हुई पशु बांदा, 22 दिसंबर (एजेंसी)- उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड़ में घटते जंगल और बढ़ती आबादी के बीच पशुओं की संख्या में खासी कमी आई है। यहां 2012 में हुई पशु Rating: 0
scroll to top