नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। सरकारी बैंकों की गैर निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) या बुरे ऋण की समस्या का समाधान करने के लिए सरकार ने हर प्रकार की कोशिश शुरू कर दी है। यह बात वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कही।
जेटली ने यहां इंडियन बैंक के स्थापना दिवस के अवसर पर कहा, “बैंकों की वित्तीय स्थिति ठीक करने और एनपीए कम करने के लिए हर प्रकार की कोशिश शुरू कर दी गई है। बैंक प्रशासन की कोशिशें, बैंकों में पूंजी निवेश करने के लिए सरकार की कोशिशें, विनिवेश से और अधिक वित्त जुटाने की कोशिशें और सबसे महत्वपूर्ण तनाव वाले प्रत्येक क्षेत्र की समस्या को दूर करना।”
उन्होंने कहा, “और मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि अगली कुछ तिमाहियों में बैंक इन चुनौतियों को समाधान करने में सफल हो जाएंगे।”
जेटली ने कहा कि सरकार अगले चार साल में सरकारी बैंकों में समुचित पूंजी का निवेश करना चाहती है। इससे बैंकों को ताकत मिलेगी और वे बुरे ऋण की समस्या को समाधान कर पाएंगे।
दिसंबर 2014 तक सरकारी बैंकों का कुल एनपीए बढ़कर 2,60,531 करोड़ रुपये हो गया था। जनवरी-मार्च 2015 तिमाही में एनपीए 5.64 फीसदी से घटकर 5.2 फीसदी पर आ गई थी।