नई दिल्ली/विशाखापत्तनम, 12 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आंध्र प्रदेश में इंडियन ओवरसीज बैंक की शाखाओं के दो प्रबंधकों और कुछ अन्य लोगों पर जाली दस्तावेज के आधार पर कर्ज जारी कर बैंक को 12 करोड़ रुपये की चपत लगाने का मामला दर्ज किया है।
ये प्रबंधक पश्चिमी गोदावरी जिले की वेलपुर और पालाकोल्लु शाखाओं में काम करते हैं। इन पर आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण कानून के प्रावधानों के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।
सीबीआई ने दोनों बैंक प्रबंधकों और कुछ अन्य लोगों के पश्चिमी गोदावरी के पालाकोदुरु, तानुकु और एलुरु इलाकों में स्थित घरों पर छापे मारकर दस्तावेज जब्त किए हैं।
आरोप है कि वेलपुर के प्रबंधक ने एक निजी फर्म के भागीदार और 11 अन्य लोगों के साथ मिलकर बैंक के साथ धोखाधड़ी की और जून 2011 से फरवरी 2013 के बीच बैंक को 841.98 लाख रुपये का नुकसान पहुंचाया।
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि बैंक प्रबंधक ने एक निजी फर्म के नाम पर 560 लाख के मियादी कर्ज की संस्तुति की। इसी तरह कुछ अन्य कागजी कंपनियों के कर्मचारियों के नाम पर भी मियादी कर्ज को मंजूरी दी।
अधिकारी ने कहा कि इसी तरह पालाकोल्लु के बैंक प्रबंधक ने भी जाली दस्तावेजों के आधार पर कुछ लोगों के नाम पर 360 लाख रुपये के कर्ज को पास कर दिया।