अंताल्या (तुर्की), 16 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत काले धन के खिलाफ किसी भी तरह की रियायत नहीं बरतेगा। इसके साथ ही उन्होंने कुछ देशों में बैंकों में बरती जा रही अत्यधिक गोपनीयता समाप्त करने का आग्रह किया, ताकि विदेशों में जमा काला धन संबंधित देशों को लौटाया जा सके।
जी-20 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन मोदी ने यहां कहा, “काले धन को संबंधित देशों तक पहुंचाने के लिए हमें अधिक से अधिक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है। हमें बैंकों की अत्यधित गोपनीयता की बाधा और कठिन कानूनी व नियामकीय ढांचे का समाधान करना चाहिए।”
मोदी ने कहा कि भारत काला धन व भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा। हमने अघोषित आय व विदेशों से प्राप्त आय के लिए एक नया कानून बनाया है।
अधिक लचीला व खुली वैश्विक वित्तीय प्रणाली के निर्माण के सफल प्रयास के लिए जी-20 की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा, “हमें लक्षित वित्तीय प्रतिबंधों व अधिक प्रभावी आतंकवाद रोधी वित्तीय औजार के माध्यम से आतंकवादियों को वित्तपोषण के खिलाफ सहयोग को गहरा करना चाहिए।”
उन्होंने देश आधारित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) का आह्वान किया, जो एक अंतर-सरकारी निकाय है, जिसकी स्थापना 1989 में मानक व कानूनी, नियामकीय व संचालन संबंधी उपायों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए की गई थी।
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि सभी देशों को ऑटोमेटिक एक्सचेंज ऑफ टैक्स इन्फॉर्मेशन पर आधारित कॉमन रिपोर्टिग स्टैंडर्ड को अपनाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि विकासशील देशों में वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने या बैकिंग क्षेत्र के कामकाज में उच्च पूंजी की आवश्यकता बाधा नहीं बननी चाहिए।
उन्होंने कहा, “नि:संदेह, प्रभावी देखरेख व प्रौद्योगिकी का बेहतर इस्तेमाल पूंजी की जरूरतों को कम कर सकता है।”
मोदी ने साइबर सुरक्षा को बैंकिंग बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण औजार बताया।