नई दिल्ली, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री ने भारत में उत्पादित मेडिकल उपकरणों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहलकदमी की है जो भारत में इस उद्योग के लिए एक बड़ा फेरबदल ला सकती है।
दोनों संस्थाओं ने क्योर इन इंडिया एंड बाय इंडियन इनिशिएटिव के तहत एक एमओयू साईन किया है जो स्वास्थ्य क्षेत्र में भारतीय चिकित्सा कुशलता के साथ ही भारत में उत्पादित मेडिकल उपकरणों के प्रयोग को प्रोत्साहित करेगा।
इस योजना के तहत आईएमए मेडिकल क्षेत्र से जुड़े लोगों को भारतीय मेडिकल उपकरणों का समर्थन करने से एक कदम आगे जाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। यह उपकरण आईएमए द्वारा मान्यता प्राप्त होंगे और गुणवत्ता के अंतरराष्ट्रीय माणकों पर खरे उतरने वाले होंगे।
इस एमओयू के तहत इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाईस इंडस्ट्री, भारतीय मेडिकल डिवाईस इंडिस्टरी को प्रोत्साहित करने के लिए मिल एक सांझा ढांचा तैयार करेंगे और क्योर इन इंडिया के तहत प्रयोग कर्ताओं और ग्राहकों तक आईएमए द्वारा मान्यता प्राप्त सुरक्षित भारतीय ब्रांड के मेडिकल उपकरण पहुंचाएंगे जो उनकी खरीद क्षमता के अनुरुप होंगे।
यह कदम मेक इन इंडिया कार्यक्रम पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा और देश में मेडिकल उपकरणों के उत्पादन में तेजी लाएगा।
एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाईस इंडस्ट्री के फोरम कोर्डिनेटर राजीव नाथ ने कहा कि इस एमओयू से भारतीय मेडिकल उपकरण उद्योग में उत्पादन और नई खोज के प्रति एक नया उत्साह जगेगा, जिससे भारतीय स्वास्थय क्षेत्र को समग्र रुप से बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस कदम से देश की विदेशी मेडिकल उपकरणों के आयात पर से निर्भरता कम होगी और देसी मेडिकल उपकरणों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डा. के.के. अग्रवाल ने कहा कि आईएमए का मानना है कि जो उत्पाद और उपकरण भारत में उत्पादित होते हैं और सही संस्थानों से मान्यता प्राप्त हैं, उनके जगह पर विदेशी उपकरणों का प्रयोग नहीं होना चाहिए।
साझा ढांचे के अंतर्गत दोनों एसोसिएशन जल्दी ही तय किए गए लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगी।