लंदन, 28 नवंबर (आईएएनएस)। इंग्लैंड के फुटबाल क्लब वेस्ट हैम युनाइटेड के लिए बतौर गोलकीपर खेलने वाली भारत की महिला फुटबाल खिलाड़ी अदिती चौहान के सामने वीजा का नवीनीकरण न हो पाने के कारण इंग्लैंड से निर्वासित होने की स्थिति आ गई है।
इंग्लैंड फुटबाल संघ (एफए) के नियमों की वजह से ही अदिती का वीजा नवीनीकृत नहीं हो सका।
22 वर्षीय अदिती भारत की पहली महिला फुटबाल खिलाड़ी हैं जिन्हें इंग्लैंड के फुटबाल क्लब के लिए खेलने का मौका मिला, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि उन्हें वीजा समस्या के चलते भारत वापस जाना पड़ेगा।
समाचार पत्र ‘द टेलीग्राफ’ में शुक्रवार को आई खबर के अनुसार, अदिती पिछले वर्ष विद्यार्थी वीजा पर लफबरो विश्वविद्यालय से खेल प्रबंधन में एम. ए. करने ब्रिटेन आई थीं।
पढ़ाई करने के दौरान ही अदिती ने मिलवाल लॉयनेस जैसे स्थानीय लीग क्लबों में ट्रायल देना शुरू कर दिया। लेकिन एफए नियमों के अनुसार वह क्लब से जुड़ नहीं सकीं।
एफए के नियमों के अनुसार, विद्यार्थी वीजा पर इंग्लैंड में पढ़ाई कर रहा कोई विद्यार्थी महिला फुटबाल की शीर्ष दो श्रेणी के क्लबों के लिए नहीं खेल सकती।
फलस्वरूप अदिती तीसरी श्रेणी के क्लब वेस्ट हैम युनाइटेड लेडीज से जुड़ गईं।
अब उनके विद्यार्थी वीजा की अवधि समाप्त हो रही है और टीम उन्हें नौकरी वीजा पर टीम में शामिल करने की योजना बना रही है।
लेकिन अदिती वेस्ट हैम के जरिए नौकरी वीजा के लिए आवेदन नहीं कर सकतीं, क्योंकि वेस्ट हैम तीसरी श्रेणी का क्लब है और अर्ध-पेशेवर वर्ग के अंतर्गत आता है।
अदिती ने कहा, “इस स्थिति पर हंसने के सिवा और कुछ भी नहीं किया जा सकता। मुझे प्रथम या द्वितीय श्रेणी के क्लब में खेलने की अनुमति नहीं है, लेकिन अब मुझे प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अलावा किसी श्रेणी के क्लब के लिए खेलने की अनुमति नहीं है। यह बेतुका और मूर्खतापूर्ण है।”
अदिती का आरोप है कि पुरुष फुटबाल क्लबों के साथ ऐसा नहीं है।
आदिती ने कहा, “पुरुष फुटबाल क्लबों के पास अधिक पैसा है और वे प्रायोजित वीजा का खर्च वहन कर सकते हैं। मुझे नहीं लगता कि उन्हें इस तरह की किसी परेशानी का सामना करना पड़ता होगा, लेकिन महिला फुटबाल खिलाड़ियों के लिए यह बेहद कठिन काम है।”