नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत ने उम्मीद जताई है कि नेपाल के नए प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली उस आठ सूत्री समझौते पर अमल करेंगे, जिस पर उन्होंने दस्तखत किए हैं। इसमें यह भी शामिल है कि मधेसी समुदाय को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने के लिए संविधान में संशोधन किया जाएगा।
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत ने उम्मीद जताई है कि नेपाल के नए प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली उस आठ सूत्री समझौते पर अमल करेंगे, जिस पर उन्होंने दस्तखत किए हैं। इसमें यह भी शामिल है कि मधेसी समुदाय को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने के लिए संविधान में संशोधन किया जाएगा।
एक उच्च पदस्थ सूत्र ने मंगलवार को यहां कहा, “हमें उम्मीद है कि ओली उस आठ सूत्री समझौते पर अमल करेंगे जिस पर उन्होंने दस्तखत किया है और जिसे उन्होंने सार्वजनिक भी किया है।”
सूत्र ने कहा कि ओली को बधाई संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उम्मीद जताई थी कि नेपाल के नए प्रधानमंत्री देश में शांति और स्थायित्व के लिए सभी समुदायों को साथ लेकर चलेंगे।
सूत्र ने कहा कि बीते 20 दिनों में नेपाल के नेताओं ने मसलों को हल करने के लिए अधिक मजबूत इच्छा जताई है। ऐसा पहले नहीं था।
नेपाल की कई महत्वपूर्ण पार्टियों ने ओली को प्रधानमंत्री पद के लिए समर्थन देने के बदले में आठ सूत्री करार किया था। इसमें कहा गया है कि ओली अंतरिम संविधान में जैसा कहा गया था, उसी के अनुरूप देश के सभी समुदायों को प्रतिनिधित्व देंगे। मधेसी और थारू समुदाय की मांगों को ध्यान में रखकर प्रांतों की सीमाओं के मसले को हल करेंगे। राजनैतिक विचार विमर्श के आधार पर संविधान संशोधन करेंगे।
समझौते में कहा गया है कि हाल के दिनों में हुए प्रदर्शन में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा, घायलों का मुफ्त इलाज होगा, हिंसा के शिकार हुए व्यापारियों को मुआवजा मिलेगा और जनसंख्या के आधार पर चुनाव क्षेत्रों का निर्धारण होगा जिसमें यह निश्चित किया जाएगा कि हर जिले में कम से कम एक सीट अवश्य हो।