भोपाल, 29 सितम्बर (आईएएनएस)। केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. जी़ सतीश रेड्डी ने कहा है कि भारत की दृढ़ मान्यता है कि आणविक तकनीक और विज्ञान का उपयोग विश्व शांति और मानव कल्याण के लिए किया जाना चाहिए।
भोपाल के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के नौवें दीक्षांत समारोह में गुरुवार को डी.एससी. की मानद उपाधि से सम्मानित डॉ. रेड्डी ने कहा कि हमारे देश ने पिछले 30-32 वर्षो में रक्षा, विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में बहुत विकास किया है। अंतरिक्ष के क्षेत्र में विश्व के देशों में हम चौथे स्थान पर हैं।
उन्होंने छात्र-छात्राओं से रक्षा क्षेत्र में देश के सामने मौजूद चुनौतियों के समाधान में अपना योगदान देने का आह्वान किया।
डॉ. रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया कार्यक्रम से पूरे देश में विकास और उत्पादन के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए जा सकते हैं। भारत ने विज्ञान और तकनीक में जो आत्म-निर्भरता प्राप्त की है वह इलेक्ट्रानिक, कम्प्यूटर साइंस और सूचना प्रौद्योगिकी का ही परिणाम है।
डॉ. रेड्डी ने देश के वैज्ञानिकों द्वारा निíमत मिसाइलों का उदाहरण देते हुए कहा कि वैज्ञानिकों ने स्वदेशी तकनीक के आधार पर विश्व में उच्च स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने छात्रों से कहा कि अब आप ऐसा प्रयास करें कि हमारा देश सैनिक साजो-सामान निर्यात करने वाला देश बन सके।
इस मौके पर राज्यपाल एवं कुलाधिपति ओम प्रकाश कोहली ने छात्र-छात्राओं से कहा कि वे आधुनिक ज्ञान प्राप्त करने के साथ देश की परंपराओं को न छोड़ें, हमारा देश समृद्ध परंपराओं से जुड़ा है। भारत में विकसित देश बनने की क्षमता है।
राज्यपाल कोहली ने रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. जी़ सतीश रेड्डी को रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए डी. एससी. की मानद उपाधि से विभूषित किया। साथ ही पीएचडी की उपाधियां तथा वर्ष 2013 एवं 2014 के मेधावी छात्र-छात्राओं को स्वर्ण एवं रजत पदक वितरित किए।
तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी ने इस मौके पर कहा कि प्रदेश में रक्षा संस्थान की जल्द स्थापना की जाएगी। कुलपति पियूष त्रिवेदी ने अतिथियों का स्वागत किया।