आइजॉल, 22 जनवरी (आईएएनएस)। जिला प्रशासन और भारत एवं बांग्लादेश की सीमा की निगरानी करने वाले सीमा से संबंधित विभिन्न मुद्दों और अपराधों का संयुक्त रूप से समाधान करेंगे। गुरुवार को अधिकारियों ने यहां यह जानकारी दी।
आइजॉल, 22 जनवरी (आईएएनएस)। जिला प्रशासन और भारत एवं बांग्लादेश की सीमा की निगरानी करने वाले सीमा से संबंधित विभिन्न मुद्दों और अपराधों का संयुक्त रूप से समाधान करेंगे। गुरुवार को अधिकारियों ने यहां यह जानकारी दी।
मिजोरम के दो जिलों मामित एवं लुंगलेई के जिला दंडाधिकारी एवं अन्य अधिकारी बांग्लादेश के जिलों रंगमाटी और बंदरबान (चटगांव संभाग के तहत) के उपायुक्तों से मुलाकात करेंगे और सीमा पर होने वाले अपराधों, और सीमा चौकियां (बीओपी) लगाने, सीमा पर तारबंदी करने और दोनों पक्षों के जिलों के प्रशासनों के बीच बेहतर समन्वय पर चर्चा करेंगे।
बैठक में हिस्सा लेने आए नौ सदस्यीय बांग्लादेशी दल का नेतृत्व कर रहे रंगमाटी के उपायुक्त शमसुल अरेफिन ने कहा, “हमारे बीच जो स्थानीय मुद्दे हैं हम उसका समाधान निकालना पसंद करेंगे। सीमा से संबंधित अपराध और समस्याओं से संयुक्त रूप से निपटा जाएगा।”
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों, सीमा सुरक्षा बल और बार्डर गार्ड बांग्लादेश अपराध रोकने के लिए मिलकर काम करेंगे..और अन्य समस्याओं का समाधान करेंगे।”
मिजोरम गृह विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि मिजोरम के मामित और लुंगलेई के जिला दंडाधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों ने अपने बांग्लादेशी समकक्षों से कहा है कि पूर्वोत्तर के उग्रवादी बांग्लादेशी क्षेत्र में शरण लेते हैं, यदा-कदा मिजोरम से लोगों का अपहरण करते हैं।
भारत और बांग्लादेश ने विभिन्न मुद्दों को हल करने के लिए जिला दंडाधिकारी स्तर की बैठकें कराने का फैसला लिया है।
त्रिपुरा के चार जिलों सिपाहीजाला, गोमती, दक्षिण त्रिपुरा और धलाई के जिला दंडाधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों की अगरतला में 9-10 जनवरी को बांग्लादेश के पांच जिलों कोमिल्ला, फेनी, रंगमाटी, खगराचारी और चटगांव के उपायुक्तों के साथ बैठक हुई थी।
अधिकारियों ने सीमा पर होने वाले अपराधों, साझा नदियों के जल बंटवारे, कुछ और ‘सीमा हाट’ स्थापित करने, सीमा पर तारबंदी और दोनों तरफ के जिलों के प्रशासकों के बीच बेहतर समन्वय पर चर्चा की।
पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों असम एवं मेघालय में इसी तरह के सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे जिसमें सीमा से जुड़े मुद्दे का समाधान निकाला जाएगा।
भारत-बांग्लादेश के बीच 4096 किलोमीटर सीमा पर भारत अपने पश्चिम बंगाल (2216 किमी), त्रिपुरा (856 किमी), असम (263 किमी), मेघालय (443 किमी) और मिजोरम (318 किमी) राज्यों में सीमा पर कांटेदार तार और फ्लड लाइटें लगा रहा है। इसका उद्देश्य आतंकवादियों की सीमा के आरपार होने वाली गतिविधि और सीमा पर होने वाले अपराध पर काबू पाना है।
पहाड़ी स्थानों, घने जंगल और अन्य अवरोध भारत के पूर्वोत्तर राज्यों और उससे सटे बांग्लादेश के झिरझिरे एवं सुभेद्य क्षेत्रों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तारबंदी नहीं हो पा रही है जिससे गैरकानूनी घुसपैठ का रास्ता साफ है और घुसपैठिए बिना किसी रुकावट सीमा पार कर जाते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।