नई दिल्ली, 29 अगस्त (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि भारत और ब्रिटेन आपस में मिलकर राष्ट्रीय अवसंरचना निवेश कोष (एनआईआईएफ) की छतरी के नीचे एक भारत-ब्रिटेन उप-कोष की स्थापना की संभावनाएं तलाश रहे हैं।
जेटली ने कहा, “हम निकट भविष्य में काफी तेजी के साथ-साथ सकारात्मक ढंग से इस कार्य के क्रियान्वयन के लिए तत्पर हैं। भारत सरकार बुनियादी ढांचा, विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में निवेश किए जाने को उच्च प्राथमिकता देती है।”
उन्होंने कहा कि सरकार ने विकास के लिए इक्विटी में निवेश को आकर्षित करने हेतु राष्ट्रीय अवसंरचना निवेश कोष (एनआईआईएफ) बनाया है।
वित्त मंत्री ने यह बात तब कहीं, जब ब्रिटेन के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्री डॉ. लियाम फॉक्स सोमवार को नॉर्थ ब्लॉक स्थित उनके कार्यालय में उनसे मिलने पहुंचे थे।
जेटली ने भारत द्वारा द्विपक्षीय निवेश संवर्धन समझौते (बीआईपीए) की प्रस्तावित समाप्ति का भी उल्लेख किया, क्योंकि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) के एक नए मॉडल पाठ को मंजूरी दी है। बीआईटी के नए पाठ को ब्रिटिश सरकार के साथ पहले ही अप्रैल, 2016 में साझा किया जा चुका है।
इससे पहले फॉक्स ने कहा कि ब्रिटेन भारत के साथ व्यापार एवं निवेश समझौतों को और ज्यादा व्यापक बनाने को इच्छुक है। उन्होंने ‘भारत-ब्रिटेन टेक शिखर सम्मेलन’ के साथ आगामी सात नवंबर को आयोजित होने वाली संयुक्त आर्थिक एवं व्यापार समिति (जेटको) की बैठक में अपनी भागीदारी और ब्रिटेन की प्रतिबद्धता की घोषणा की। फॉक्स वर्तमान में 28 से 30 अगस्त तक नई दिल्ली और मुंबई के तीन दिवसीय दौरे पर हैं।