इस्लामाबाद, 30 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय प्रशासन पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को उनके आक्रामक रवैए के कारण वास्तव में एक अवांछित व्यक्ति मानता है। पाकिस्तान के एक प्रमुख अखबार ने मंगलवार को यह बात कही।
‘डेली टाइम्स’ की रपट के मुताबिक, बासित को उनके कार्यकाल के दौरान भारतीय अधिकारियों ने एक बार भी भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज या किसी और उच्च पदाधिकारी से मिलने नहीं दिया है।
बासित को नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के कुछ माह पहले वर्ष 2014 के फरवरी में भारत में पाकिस्तान का उच्चायुक्त नियुक्त किया गया था। इससे पहले वह जर्मनी में पाकिस्तान के राजदूत रह चुके थे।
अखबार के अनुसार, विदेश कार्यालय के सूत्रों ने कहा है, “औपचारिक बातचीत के लिए बार-बार किए गए आग्रहों पर सुषमा स्वराज ने विचार नहीं किया।”
सूत्रों ने कहा है, “उनके लड़ाकू व्यक्तित्व और गैरजरूरी आक्रामकता की वजह से भारत का कोई भी नीति निर्माता उनसे मिलना पसंद नहीं करता।”
सूत्रों ने कहा, “उनका किसी भी महत्वपूर्ण भारतीय अधिकारी के साथ व्यक्तिगत संबंध नहीं है।”
अखबार ने कहा है कि भारत में उच्चायुक्त के रूप में नियुक्ति पाकिस्तानी विदेश सेवा की सर्वाधिक महत्वपूर्ण कूटनीतिक नियुक्ति मानी जाती है।
“सामान्यतया नई दिल्ली में सबसे मेधावी करियर वाले राजनयिक तैनात किए जाते हैं।”
अखबार ने कहा है कि भारतीय अधिकारी वर्ग मौखिक और अनौपचारिक रूप से कई अवसरों पर पाकिस्तान को बासित की जगह किसी और को नियुक्त करने को कह चुका है।
कथित तौर पर विदेश सचिव एजाज चौधरी इस मामले को बासित से उठा चुके हैं और उन्होंने सलाह दी थी कि “कठिन परिस्थिति में वह अपना संयम बनाए रखें।”
विदेश सचिव चाहते हैं कि उच्चायुक्त उस धारणा को खत्म करें कि वह एक हिंसक व्यक्ति हैं और हमेशा बने रहेंगे। यह कोई मायने नहीं रखता कि दोनों देशों के बीच परिस्थितियां कैसी हैं।
विदेश कार्यालय की प्रवक्ता नफीस जकारिया ने हालांकि इस बात से इनकार किया है कि चौधरी और बासित के बीच कोई मतभेद है।
भारत ने वर्ष 2014 में पाकिस्तान के साथ सचिव स्तरीय वार्ता रद्द कर दी थी, क्योंकि इसके कुछ ही दिनों पूर्व बासित ने हुर्रियत नेता शब्बीर शाह से मुलाकात की थी।
डेली टाइम्स ने कहा है कि बासित के ट्विटर टाइमलाइन से उनके नागपुर, चंडीगढ़, शिमला और भारत के अन्य हिस्सों में दौरे का पता चलता है।
इसमें कहा गया है कि उच्चायुक्त पाकिस्तान की मनोरम तस्वीरें ट्वीट करते हैं, जैसे उनका मुख्य काम देश के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देना है।