न्यूयॉर्क/पटना, 25 अप्रैल (आईएएनएस)। सुपर 30 के संस्थापक और गणितज्ञ आनंद कुमार ने कहा है कि भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, कमी है तो वह अवसर की है। पर्याप्त अवसर और सही दिशा-निर्देश व मार्गदर्शन मिले तो भारत के होनहार पूरी दुनिया में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकते हैं।
आनंद कुमार न्यूयॉर्क में फाउंडेशन ऑफ एक्सिलेंस (एफएफई) के न्यूयॉर्क चैप्टर के सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे।
न्यूयॉर्क के होटल ताज के सभागार में आनंद कुमार ने सुपर 30 के अपने सफर के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा, “भारत में कई ऐसे बच्चे भी होते हैं, जिनमें योग्यता और प्रतिभा कूट-कूट कर भरी है, लेकिन आगे बढ़ने के लिए उनके पास कोई संसाधन नहीं है। ऐसे बच्चों को यदि सही संसाधन उपल्ब्ध कराए जाएं तो वहीं बच्चे किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने का माद्दा रखते हैं।”
समाज के अति वंचित तबके के उत्थान में आनंद कुमार के अतुल्य योगदान को देखते हुए एफएफई ने उन्हें इस मौके पर मुख्य वक्ता के रूप में भाग लेने के लिए बुलाया था।
आनंद ने शिक्षा के क्षेत्र में गरीबी को मुख्य रोड़ा बताते हुए कहा, “इस स्थिति को आपस में मिलकर बदलने की जरूरत है। हम समाज में इसी रूप में योगदान कर इस समाज को कुछ वापस कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा दोनों ही बेहद अहम होता है।
आनंद कुमार ने लोगों के बीच अपने परिवार तथा रामानुजम इंस्टीट्यूट के बारे में भी लोगों को अवगत कराया।
कार्यक्रम की शुरुआत में आयोजकों के तरफ से आनंद कुमार का स्वागत किया गया तथा स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
उल्लेखनीय है कि सुपर 30 की ही तर्ज पर एफएफई भी निर्धन व समाज के वंचित तबके के होनहार मेधावियों को इंजीनियर, डॉक्टर और वैज्ञानिक बनने के लिए मदद करती है।
एफएफई ने इस कार्य के तहत अब तक 17 हजार से ज्यादा मेधावियों को स्कॉलरशिप दिया है।