लंदन, 27 नवंबर (आईएएनएस)। भारत में स्टेरॉयड युक्त क्रीमों और लोशन का दुरुप्रयोग खतरनाक और नियंत्रण से बाहर होता जा रहा है। गुजरात के एक त्वचा विशेषज्ञ श्याम वर्मा ने यह बात कही।
स्टेरॉयड एक सूजन रोधी दवा है, जो विभिन्न क्रीमों में इस्तेमाल की जा रही है। यह त्वचा पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।
कर्टिकोस्टेरॉयड्स को स्टेरॉयड्स के नाम से भी जाना जाता है। इन (एंटी- इनफ्लेमेंटरी मेडीसिन्स) सूजन कम करने वाली दवाओं का इस्तेमाल कई स्थितियों में होता है। हालांकि पतली त्वचा (चेहरे और कमर) पर इससे पिगमेंटेशन (रंजकता), त्वचा का चटकना, जीवाणु और फंगल संक्रमण जैसे कई हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं।
इसका दुरुपयोग संक्रमण को बढ़ाने के साथ ही इसके इलाज को भी मुश्किल बनाता है।
श्याम वर्मा ने ‘दि बीएमजे’ नामक पत्रिका में बताया, “भारतीय डॉक्टर इस सामयिक कॉर्टिस्टेरॉयड्स से प्रेरित महामारी के प्रतिकूल प्रभावों के साक्षी रहे हैं।”
उनके अनुसार, 2013 में 2,926 लोगों पर एक अध्ययन किया गया था। जिसमें स्टेरॉयड्स लेने वाले 433 लोगों में से 90 प्रतिशत लोगों में स्टेरॉयड्स के हानिकारक प्रभाव देखे गए थे।
श्याम का कहना था कि इन स्टेरॉयड्स के सुरक्षित इस्तेमाल की जानकारी डॉक्टरों के साथ ही आम लोगों को भी होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि कई फार्मासिस्ट हानिकारक प्रभावों की अनदेखी कर स्टेरॉयड क्रीमों को बेच देते हैं, जो गैरकानूनी है। कानूनी तौर पर हार्ड स्टेरॉयड्स को पंजीकृत डॉक्टर के पर्चे के आधार पर ही बेचा जाना चाहिए।