भोपाल– भोपाल स्थित केन्द्रीय विद्यालय क्र. 3 का कल वार्षिकोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया था.भीषण गर्मी के चलते जहाँ कलेक्टर ने 12 बजे के पहले स्कूल बंद करने के आदेश दिए हैं वहीँ इस विद्यालय के प्राचार्य ने दोपहर २ बजे से विद्यार्थिओं को स्कूल में बुला लिया.वार्षिकोत्सव कार्यक्रम शाम 5 बजे से था लेकिन कार्यक्रम की तैयारी के चलते दोपहर से ही विद्यार्थी स्कूल आ गए.चूंकि छुट्टी का दिन था अतः यातायात साधन स्कूल के बंद थे.अभिभावकों खासकर छात्राओं के स्कूल उनके साथ ही आना पड़ा.छात्र छात्राओं को तो दोपहर 2 से रात्रि 9 के मध्य एक समोसा खाने को दिया भी गया लेकिन अभिभावकों को बाजार से दूर स्कूल में भूखा-प्यासा तड़पना पड़ा.
यहाँ तक के बाद खुले आसमान के नीचे टेंट लगाया गया था,भीषण गर्मी के चलते हुए भी उसमें पंखे या कूलर की व्यवस्था नहीं थी.संवाददाता ने स्थल पर जा कर जब देखा तब अभिभावक उनके साथ आये बच्चे इस तरह थके हुए थे की उनसे चला भी नहीं जा रहा था.लोगों ने शिकायत करते हुए कहा की न ही ठन्डे पानी की व्यवस्था थी और ना ही खाने की.भूख और गर्मी से बेहाल लोगों से जब कलेक्टर का सामना हुआ तो मंच से ही कलेक्टर ने फटकार लगाई और अगले कार्यक्रम में कम से कम पंखे लगाने के निर्देश दिए.
सवाल यह है की इतने अनुभव वाले प्राचार्य को इस भीषण गर्मी में कार्यक्रम करवाने का क्या कोई अनुभव नहीं था.इतने लम्बे सत्र से कोई भी छात्र-छात्र बीमार हो सकता था,चूंकि सभी के अभिभावक साथ थे लेकिन उनकी भी हालत ठीक नहीं थी.क्या केन्द्रीय विद्यालय संगठन के कोष में बजट नहीं होता की वह अपना वार्षिकोत्सवउचित ढंग मना सके.
स्कूल की वेबसाईट पर दिए गए फ़ोन नम्बर पर जब संपर्क किया गया तो वह खराब था.