नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मंत्रिमंडल के अपने सहयोगियों और भाजपा नेताओं से कहा कि भारतीय सेना द्वारा की गई सर्जिकल कार्रवाई पर अपनी पीठ न थपथपाएं। उन्होंने कहा कि जो सार्वजनिक बयान देने के लिए अधिकृत हैं, सिर्फ वही लोग इस मुद्दे पर बोलें। यह जानकारी जानकार सूत्रों ने दी है।
प्रधानमंत्री मोदी की यह सलाह ऐसे समय में आई है, जब सेना द्वारा की गई सर्जिकल कार्रवाई का राजनीतिक लाभ लेने और इसका राजनीतिकरण करने को लेकर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार की आलोचना की है। सेना ने यह कार्रवाई 28-29 सितंबर की रात की थी और इस दौरान नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के लांच पैड ध्वस्त कर दिए गए थे।
मोदी ने बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक और सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी की बैठक की अध्यक्षता भी की।
सीसीएस की बैठक ऐसे समय में हुई है, जब भारत-पाकिस्तान सीमा पर लगातार तनाव बना हुआ है।
भारत-पाकिस्तान सीमा पर, 18 सितंबर के उड़ी हमले के बाद से ही तनाव बना हुआ है। जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी कस्बे में सेना के शिविर पर हुए हमले में 19 सैनिक शहीद हो गए थे। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन, जैश-ए-मोहम्मद को जिम्मेदार ठहराया है।
दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध तब और बिगड़ गए, जब भारत ने 28-29 सितंबर की रात सर्जिकल कार्रवाई को अंजाम दिया।