भोपाल-रेलवे ने जलाए कर्मचारियों के कपडे। पिछले लगभग दस वर्षो से चतुर्थ श्रेणी करचरियों को नहीं दी गई यूनिफार्म। रेलवे बोर्ड के आदेश ने टीआरओ विभाग का निकाला पसीना। सूत्रो से प्राप्त जानकारी अनुसार बोर्ड ने एक आदेश जारी करके सभी विभागों के पास उपलब्ध सामग्री (asset) की जानकारी मांगी है। इसी के पालन में टीआरओ विभाग ने जब स्टोर में देखा तो पता चला की सालों से कर्मचारियों को यूनिफार्म ही नहीं बांटा गया। इस पर जांच न बैठे इसलिए सभी यूनिफार्म को भोपाल रेलवे स्टेशन के पास जला दिया गया और फ़र्ज़ी एंट्री करके उन्हें वितरित बता दिया गया। रेलवे चाहता तो इन्ही कपड़ो को गरीबों को बांट सकता था पर जांच से बचने के लिए लाखो रूपए के कपड़ो को आग के हवाले कर दिया। जिम्मेदार अधिकारी आरके सिंह (9752416303) ने नहीं उठाया फ़ोन। इस कार्य में कुछ कर्मचारी नेताओ की भी संलिप्प्ता बताई जा रही है।
जब पुनः आरके सिंह से संपर्क किया गया तब उन्होंने इस बाबत किसी आदेश प्राप्त होने और यूनिफार्म जलाए जाने की घटना से जानकारी होने से मना कर दिया.
आर के सिंह को व्हाट्स अप पर सूचना भेजने पर उन्होंने किसी भी जवाब देने की तकलीफ नहीं उठायी .
रेलवे जनसंपर्क अधिकारी का रवैया गैरजिम्मेदाराना
जब जनसंपर्क अधिकारी सिद्दीकी से बात की गयी तो वे भी मामले से पल्ला झाड़ते एवं घटना को दबाते नजर आये.इस घोटाले में दोषियों को बचाने में ये जिम्मेदार अधिकारी पूरी तरह मुस्तैद नजर आये.
डी आर एम् आलोक ने सिद्ध किया की इनके बॉस हैं
जब हमने डी आर एम् आलोक जी से इस बाबत संपर्क करना चाहा तब उन्होंने मोबाइल नहीं उठाया.कई बार फोन करने पर भी उन्होंने फोन नहीं उठाया.इस नंबर पर जब व्हाट्स अप पर सूचना दी गयी तब भी उनका जवाब नहीं आया.दरअसल यह मात्र एक घटना है इस तरह की भ्रष्टाचारी और गैरजिम्मेदार अधिकारीयों की फ़ौज भोपाल रेल कार्यालय में जमी हुई है जो भारत निर्माण की रेल को उसके पथ पर बुलेट की गति से आगे ले जा रही है.