इम्फाल, 7 फरवरी (आईएएनएस)। कुकी संगठनों ने तीन फरवरी को कुकी सदस्यों पर बंदूक से ‘अकारण’ किए गए हमले की निंदा की है। इस बीच तनाव को देखते हुए मणिपुर पुलिस ने रविवार को सुरक्षा व्यवस्था और भी बढ़ा दी है।
राष्ट्रीय राजमार्ग 2 के साथ लगे पल्लेल कस्बे के मोल्नोम गांव में तीन फरवरी को कुकी सदस्यों पर गोलीबारी की गई थी। गांव के कुकी सदस्यों का कहना है कि इस हमले में एक युवक लुंघोगिन हाओकिप गंभीर रूप से घायल हो गया था।
चंदेल जिले में ‘कुकी चीफ एसोसिएशन’, ‘कुकी पीपल्स फोरम’, ‘थाडोउ स्टूडेंट्स एसोसिएशन’ और कुकी छात्र संगठन ने अपने संयुक्त बयान में इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि नागालिम राष्ट्रीय समाजवादी परिषद (इसाक-मुइवा) के सदस्यों ने गांववासियों पर अंधाधुंध गोलीबारी की।
‘कुकी रिफोरमेशन फोरम’ ने भी इस घटना की निंदा करते हुए इसे एक ‘अकारण’ किया गया हमला करार दिया है। अपने बयान में फोरम ने कहा कि यह घटना एनएससीएन-आईएम द्वारा शुरू की गई ‘जातीय सफाई’ की याद दिलाती है।
दोनों जनजातियों के बीच पिछले एक साल से चले आ रहे सशस्त्र संघर्ष में अब तक 1,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई है, जिसमें पुरुषों के साथ ही महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि एनएससीएन-आईएम के सदस्यों ने तीन फरवरी की रात को तीन युवाओं पर अंधाधुंध गोलीबारी की। इस बयान में केंद्र और राज्य सरकार से इस तरह के अकारण हमलों को रोकने के लिए एक प्रस्ताव पारित करने की अपील की है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल 22 अगस्त को आईमोल नगाइरोंग गांव पर बमबारी और गोलीबारी की गई थी, जिसमें एक गांववासी की मौत हो गई।
आल नागा स्टूडेंट्स एसोसिएशन, मणिपुर (एएनएसएएम) ने शनिवार को आयोजित एक जनरैली में मणिपुर में नागा लोगों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की अपील की।
नागा लोगों का कहना है कि वह ओकराम इबोबी सिंह के नेतृत्व वाली सांप्रदायिक सरकार के तहत नहीं रहना चाहते हैं। उनका कहना है कि उनके लिए अलग प्रबंध किए जाएं।
मणिपुर में नागा आदिवासी युवाओं और छात्रों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाले एएनएसएएम ने तीन घटनाओं को उद्धृत किया जिसमें, राज्य द्वारा किए गए अत्याचारों में 13 आदिवासी युवाओं की मौत हो गई।