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 मध्याह्न भोजन से पहले बच्चे करते हैं मंत्रोच्चार! | dharmpath.com

Wednesday , 7 May 2025

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मध्याह्न भोजन से पहले बच्चे करते हैं मंत्रोच्चार!

imagesकुशीनगर, 23 नवम्बर – महात्मा बुद्घ की तपोभूमि कुशीनगर में शिक्षा के क्षेत्र में एक अभिनव प्रयोग हो रहा है। जिले के 70 फीसदी स्कूलों में बच्चे मध्याह्न् भोजन लेने से पहले ‘ऊं सहनाववतु, सह नौ भुनक्तु ! सह वीर्य करवावहै!!’ (भोजनमंत्र) का पाठ कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश निरीक्षक संघ के महामंत्री व खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) अजय कुमार तिवारी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “मध्याह्न भोजन के दौरान बच्चों से भोजनमंत्र का पाठ कराने के लिए जिलाधिकारी लोकेश.एम से अनुमति ली गई थी। इसके बाद इसे जिले के स्कूलों में लागू करने का फैसला किया गया।”

तिवारी ने कहा जिले के करीब 70 फीसदी स्कूलों में भोजन मंत्र का पाठ हो रहा है। उन्होंने बताया कि चार पंक्तियों के इस श्लोक को बच्चों ने कठंस्थ कर लिया है। सही तरीके से इस श्लोक का पाठ होता है और इसको धर्म और मजहब से ऊपर रखा गया है।

तिवारी की माने तो जल्द ही इस श्लोक को स्कूलों की दीवारों पर वॉल पेंटिंग के जरिए अंग्रजी, ऊर्दू और संस्कृत में लिखा जाएगा, ताकि बच्चों की बराबर उस पर नजर पड़ती रहे।

उत्तर प्रदेश में एक तरफ जहां प्राथमिक स्कूलों की हालत ठीक नहीं है और उसमें मिलने वाली शिक्षा को लेकर सरकार हमेशा आलोचना झेलती रहती है, वहीं अब कुछ शिक्षकों और अधिकारियों ने मिलकर बच्चों के बीच नया प्रयोग करने का बीड़ा उठाया है।

जिले के बहोरापुर में स्थित प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य मोहम्मद तारिक ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि जिले में 2179 प्राथमिक और 824 उच्च प्राथमिक स्कूल हैं और अभी स्थिति यह है कि करीब 70 फीसदी स्कूलों में मध्याह्न भोजन लेने से पहले बच्चे भोजन मंत्र का जाप करते हैं।

बकौल तारिक, “30 जून को ही जिले में एक बैठक हुई थी। बैठक में खंड शिक्षा अधिकारी भी मौजूद थे। इस बैठक में सभी प्राथमिक स्कूलों के अध्यापकों व प्रधानाचार्यो को भी बुलाया गया। बैठक में ही इस अनोखी पहल को प्रयोग के तौर पर लागू करने की चर्चा हुई।”

उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान मौजूद अध्यापकों व प्रधानाचार्यो को इस मंत्र की एक एक प्रति दी गई और इसे विद्यालय में लागू करने पर सहमति बनी थी। बकौल तारिक, “दिलचस्प बात यह है कि इसकी शुरुआत सिर्फ पड़रौना प्रखंड में की गई थी, लेकिन बाद में अधिकांश स्कूलों ने इसे अपने यहां लागू कर दिया है।”

इस बीच, अपर शिक्षा निदेशक बेसिक (इलाहाबाद) विनय कुमार पांडेय भी मॉडल स्कूलों का निरीक्षण करने कुशीनगर पहुंचे थे। इस दौरान वह पांच स्कूलों में गए। कसया ब्लॉक के कसया प्राथमिक व जूनियर हाई स्कूल के अलावा पडरौना के बहोरापुर व सुसवलिया गांव के प्राथमिक स्कूलों का भी उन्होंने दौरा किया।

तारिक की माने तो खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) अजय कुमार तिवारी के साथ जब पांडेय सुसवलिया के प्राथमिक विद्यालय पहुंचे तो दोपहर के भोजन का वक्त हो गया था। बच्चे कतारबद्घ होकर भोजन करने की तैयारी में थे।

पांडेय के परिसर में प्रवेश करने के पहले ही पूरा वातावरण ‘ऊं सहनाववतु, सह नौ भुनक्तु ! सह वीर्य करवावहै’ (भोजनमंत्र) से गूंजने लगा। प्राथमिक स्कूल में भारतीय संस्कृति का संकल्प लेते बच्चों को देखकर वह काफी खुश हुए और उन्होंने कहा कि कुशीनगर के ये स्कूल ही वाकई मॉडल स्कूल कहलाने के हकदार हैं।

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