भोपाल, 28 मई (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में कई नवाचारों के सहारे योजना को और बेहतर बनाया है। यही कारण है कि राजस्थान की सरकार राज्य के नवाचारों को अपने यहां अमल में लाने को तैयार है।
अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा विकास आयुक्त अरुणा शर्मा से राजस्थान के मनरेगा डायरेक्टर रोहित कुमार सहित अधिकारियों के दल ने मुलाकात की। उन्होंने मध्यप्रदेश में मनरेगा में हुए नवाचारों के बारे में जानकारी हासिल की।
रोहित कुमार ने कहा कि मध्यप्रदेश में अन्य कई राज्यों की तुलना में मनरेगा में बेहतर काम हुए हैं। मनरेगा में हुए नवाचारों को राजस्थान में भी लागू किया जाएगा। अरुणा शर्मा ने इस दौरान मध्यप्रदेश में मनरेगा में पारदर्शिता, कन्वर्जेस, इलेक्ट्रॉनिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम सहित विभिन्न नवाचार के बारे में विस्तार से बताया।
अरुणा शर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां 74 फीसदी परिसंपत्तियों का निर्माण हुआ है। प्रदेश में मनरेगा और अन्य योजनाओं के साथ कन्वर्जेस से सीमेंट-कंक्रीट सड़क, अनाज भंडारण के लिए गोदाम, पंचायत भवन, आंगनवाड़ी भवन, फलोद्यान आदि के काम कराए जा रहे हैं।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 84 लाख जबकार्डधारी परिवार हैं। प्रदेश में मनरेगा में मजदूरों को काम की मांग अनुसार, रोजगार मुहैया कराने और मजदूरों के खाते में मजदूरी भुगतान तक की सारी प्रक्रिया ऑनलाइन की जा रही है। मनरेगा में रोजगार सप्ताह में प्रत्येक ग्राम पंचायत में कार्य शुरू होने का दिन नियत किया गया है। कार्य प्रारंभ दिवस को रोजगार दिवस तथा सप्ताह को रोजगार सप्ताह का नाम दिया गया है।
इससे पहले राजस्थान के दल ने मनरेगा परिषद के अधिकारियों से मुलाकात कर प्रदेश में मनरेगा क्रियान्वयन की बारीकियों को समझा। दल ने होशंगाबाद जिले में भ्रमण कर मौके पर मनरेगा क्रियान्वयन निर्मित परिसंपत्तियों का अवलोकन किया।